नई दिल्ली। कोविड-19 वैक्सीन के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने जमा पर उच्च ब्याज दर देने की घोषणा की है। लेकिन ये ऑफर केवल सीमित अवधि के लिए है। कोलकाता में मुख्यालय वाले यूको बैंक (UCO Bank) ने कहा है कि वह कोविड-19 वैक्सीन का कम से कम एक डोज ले चुके उपभोक्ता को 999 दिन के फिक्स्ड डिपोजिट पर सामान्य दर से 0.30 प्रतिशत अधिक ब्याज दर की पेशकश करेगा।
बैंक ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि देश में टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देने के लिए यूको बैंक ने एक छोटा सा कदम अपनी ओर से उठाया है। हम 30 सितंबर तक सीमित अवधि के लिए यूकोवैक्सी-999 (UCOVAXI-999) की पेशकश कर रहे हैं।
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने भी हाल ही में इम्यून इंडिया डिपोजिट स्कीम की शुरुआत की है, जिसके तहत टीका लगवाने वाले उपभोक्ताओं को लागू कार्ड रेट पर अतिरिक्त 0.25 प्रतिशत ब्याज दर की पेशकश की जा रही है। इस नए उत्पाद की परिपक्वता अवधि 1111 दिन की है। देश में अब तक 23.59 करोड़ लोगों को कोविड-19 वैक्सीन का टीका लग चुका है।
बैंकों ने एनएआरसीएल में डालने के लिए 89,000 करोड़ रुपये के एनपीए की पहचान की
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ राजकिरण राय जी ने कहा कि बैंकों ने शुरुआती चरण में राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) को हस्तांतरित करने के लिए 89,000 करोड़ रुपये के लगभग 22 अवरुद्ध ऋण खातों की पहचान की है। आम बजट 2021-22 में बैंकी के दबाव वाले कर्जों की जिम्मेदारी संभालने के लिए एक ‘‘बैड बैंक’’ की तहर की पुनर्गठन कंपनी बनाने की बात कही गई थी, जिसके तहत एनएआरसीएल की स्थापना की गई। रायआईबीए के अध्यक्ष भी हैं।
उन्होंने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने प्रमुख बैंकों से बैठक बुलाने और अनुमोदन तैयार रखने के लिए कहा है ताकि जैसे ही एआरसी का गठन हो, वे प्रक्रिया शुरू कर सकें। मुझे लगता है कि पहले चरण में 22 खातों का मूल्यांकन किया गया, जिनकी कुल राशि लगभग 89,000 करोड़ रुपये है।’’ उन्होंने कहा कि बैंकों ने उन खातों की पहचान की है, जहां करीब 100 फीसदी प्रावधान के नुकसान के प्रावधान किए गए हैं और जहां 500 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज फंसा है। उन्होंने आगे कहा कि ये 22 खाते ऐसे हैं, जहां प्रमुख बैंकों ने पहले ही अन्य बैंकों के साथ बैठकें की हैं और एआरसी का गठन होने पर उन्हें स्थानांतरित करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है।