नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने दूरसंचार विभाग से सार्वजनिक क्षेत्र की टेलीकॉम कंपनियों भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर संचार निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के पुनरुत्थान प्रस्तावों की फिर से जांच करने और इसे आम चुनाव के बाद सत्ता संभालने वाली नई सरकार को सौंपने का निर्देश दिया है।
एक वरिष्ठ आधिकारिक सूत्र ने बताया कि इसका संकेत यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र की दोनों टेलीकॉम कंपनियों के पुनरुत्थान के लिए नई सरकार के बनने तक अगले कुछ महीनों के दौरान तत्काल कोई कदम नहीं उठाया जाने वाला है।
पिछले महीने दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल और एमटीएनएल के पुनरुत्थान पर मंत्रालयों के बीच परामर्श के लिए एक मसौदा कैबिनेट नोट जारी किया था। इस पर प्रतिक्रिया के रूप में वित्त मंत्रालय ने अब दूरसंचार विभाग से प्रस्तावों पर फिर से कार्य करने और इन प्रस्तावों को नई सरकार को सौंपने को कहा है।
पुनरुत्थान प्रस्ताव के दो प्रमुख मुद्दों में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) और 4जी स्पेक्ट्रम का आवंटन शामिल है। बीएसएनएल और एमटीएनएल भारी कर्ज से दबी हैं और पिछले कुछ समय से अपने कर्मचारियों का वेतन देने में मुश्किलों का सामना कर रही हैं।
सरकार बीएसएनएल और एमटीएनएल को बचाने की योजना पर काम कर रही है, जिसमें वीआरएस, संपत्ति मौद्रीकरण और 4जी स्पेक्ट्रम का आवंटन शामिल है। रिलायंस जियो के आने के बाद से टेलीकॉम सेक्टर में भयंकर गलाकाट प्रतियोगिता चल रही है, जहां सभी कंपनियां भारी घाटे में आ गई हैं।