नई दिल्ली। नया उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 अगले सप्ताह 20 जुलाई से देशभर में लागू होगा, जिसके बाद अब उपभोक्ता किंग होगा। इसके बाद किसी उत्पाद के संबंध में भ्रामक विज्ञापन देना महंगा पड़ जाएगा, क्योंकि नए कानून में भ्रामक विज्ञापन देने पर कार्रवाई करने का प्रावधान है। केंद्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 की अधिसूचना जारी कर दी है। यह कानून उपभोक्ता संरक्षण कानून-1986 की जगह लेगा।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा 15 जुलाई को जारी अधिसूचना के अनुसार, यह कानून 20 जुलाई से देशभर में लागू हो जाएगा। मालूम हो कि नया उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 इस साल जनवरी में ही लागू होना था लेकिन किसी कारणवश इसकी तिथि मार्च के लिए बढ़ा दी गई थी। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण इसकी तिथि आगे टल गई, लेकिन अब इसकी अधिसूचना जारी हो गई है और 20 जुलाई से देशभर में नया उपभोक्ता संरक्षण कानून लागू हो जाएगा।
नए उपभोक्ता संरक्षण कानून में विवादों के त्वरित निपटान के मकसद से मध्यस्थता के लिए एक वैकल्पिक विवाद निपटारे की व्यवस्था की गई है। नए कानून में उपभोक्ता अदालतों के अलावा एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का भी प्रावधान है। उपभोक्ताओं की संतुष्टि को केंद्र में रखते हुए नए कानून में यह प्रावधान किया गया है कि उपभोक्ता जहां रहता है वह वहीं के जिला या राज्य उपभोक्ता आयोग में शिकायत कर सकता है। पहले जहां से सेवा या उत्पाद खरीदे जाते थे, वहीं शिकायत करनी पड़ती थी।
यदि निर्माता, विक्रेता या वितरक मिलावटी या फर्जी उत्पाद बेचते पाया जाता है तो उपभोक्ता उसे कोर्ट में घसीट सकता है। मुआवजा के लिए उपभोक्ता आयोग में भी शिकायत दर्ज करवा सकता है। ऐसे मामलों में जहां उपभोक्ता की सेहत को कोई नुकसान नहीं हुआ है, वहां 6 माह तक जेल और एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं उपभोक्ता को नुकसान पहुंचाने वाले मामले में निर्माता, विक्रेता या वितरक को 5 लाख रुपए तक का जुर्माना और 7 साल तक की जेल की सजा हो सकती है। यदि किसी मामले में उपभोक्ता की मौत होती है तो 10 लाख रुपए तक का जुर्माना और 7 साल की जेल या दोनों हो सकते हैं।