नई दिल्ली। देश में चारों ओर त्योहारों की धूम है फिर भी लोगों के चेहरों पर खुशी नहीं है। इसका कारण है महंगाई। खाद्य पदार्थों से लेकर तेल-साबुन की बढ़ती कीमतों से पहले ही परेशान आम उपभोक्ता अब सब्जियों के दाम में आई अचानक तेजी से हैरान-परेशान है। दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ओखला स्थित फल एवं सब्जी मंडी के थोक व्रिकेता महेश ने बताया कि बारिश में फसल खराब होने से सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। पहले टमाटर का थोक रेट 10-20 रुपए किलो था, अब 40 रुपए किलो हो गया है। बारिश के चलते सारी फसल बर्बाद हो गई है। जिससे कीमतें बढ़ी हैं। प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बारिश की वजह से फसल खराब हो गई है। इस वजह से कई प्रमुख महानगरों में टमाटर की खुदरा कीमत 72 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।
नोएडा में रहने वाले सुधीर कुमार ने बताया कि महंगी सब्जी ने उनके घर का बजट तो बिगाड़ा ही है साथ ही त्योहारी की खुशियों को भी कम कर दिया है। नोएडा सेक्टर 120 में आलू का खुदरा भाव 20 रुपये किेलो, प्याज 45 रुपये किलो, फूलगोभी 90 रुपये किलो, खीरा 40 रुपये किलो, टमाटर 60 रुपये किलो, बींस 90 रुपये किलो और सेम फली 140 रुपये किलो बिक रही है।
कर्नाटक के एक ग्राहक चंद्रा पाटिल ने बताया कि कुछ दिन पहले तक 20 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर अभी 60 रुपये प्रति किलो तब बिक रहा है। प्याज भी 50 रुपये किलो हो गया है। हम अक्सर 10 किलो प्याज खरीदते थे लेकिन महंगाई की वजह से अभी 2.5 किलो ही प्याज खरीदी है।
कर्नाटक के सब्जी विक्रेता सलाउद्दीन ने कहा कि राज्य में लगातार हो रही बारिश के कारण खेतों में सब्जियों की फसल खराब हो गई है और बाजार में आपूर्ति भी पर्याप्त नहीं है। इस वजह से कीमत बढ़ गई हैं। किसान भी इस स्थिति से बहुत ज्यादा परेशान हैं।
सितंबर-अक्टूबर में हर साल बढ़ते हैं दाम
सितंबर-अक्टूबर माह में देश से मानसून विदाई लेता है और इस वजह से कई राज्यों में बारिश होती है। इस बारिश की वजह से फसलों को नुकसान होता है और सब्जियों के दाम अस्थायी रूप से बढ़ जाते हैं। पिछले साल भी सितंबर और अक्टूबर में आलू, प्याज और टमाटर की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी देखी गई थी। टमाटर की कीमतें तो 100 रुपए प्रति किलो तक पंहुच गई थीं। दिल्ली में आलू का खुदरा भाव 37 रुपए प्रति किलो, गुरुग्राम में 35 रुपए, शिमला में 45 रुपए, लुधियाना में 40 रुपए, मुंबई में 44 रुपए, पटना में 36 रुपए और कोलकाता में 32 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया था। प्याज की कीमतें भी 40 रुपए प्रति किलो को पार कर गई थीं।
बारिश और डीजल का है असर
दरअसल बरसात की वजह से मंडियों में सब्जियों की सप्लाई प्रभावित हो रही है, जिस वजह से कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इसके अलावा पिछले कुछ दिनों से डीजल की कीमतों में एकतरफा तेजी देखने को मिली है, जिससे सब्जियों को मंडियों तक पहुंचाने की लागत बढ़ गई है और इस बढ़ी हुई लागत का असर भी सब्जियों के भाव पर पड़ रहा है।
कीमतों में कितनी आई है तेजी
उपभोक्ता कार्य मंत्रालय की प्राइस मॉनिटरिंग डिवीजन के द्वारा जारी की गई कीमतों के अनुसार पहली अक्टूबर से लेकर 12 अक्टूबर के बीच देश में टमाटर के भाव 350 प्रतिशत तक बढ़े हैं। वहीं इस दौरान प्याज के भाव दोगुना से ज्यादा तक बढ़ चुके हैं। वहीं आलू की कीमतों में भी 42 प्रतिशत तक की बढ़त देखने को मिली है।
टमाटर | कीमत (रु/किलो) | कीमत (रु/किलो) | बढ़त (%) |
पहली अक्टूबर | 12 अक्टूबर | ||
दिल्ली | 43 | 57 | 33 |
मुंबई | 30 | 53 | 77 |
कोलकाता | 55 | 72 | 31 |
चेन्नई | 27 | 57 | 111 |
कुरनूल | 10 | 45 |
350 |
प्याज |
पहली अक्टूबर | 12 अक्टूबर | बढ़त (%) |
कीमत (रु/किलो) | कीमत (रु/किलो) | ||
दिल्ली | 33 | 46 | 39 |
मुंबई | 26 | 43 | 65 |
कोलकाता | 37 | 51 | 38 |
चेन्नई | 27 | 38 | 41 |
होशंगाबाद | 20 | 42 | 110 |
आलू | पहली अक्टूबर | 12 अक्टूबर | बढ़त (%) |
कीमत (रु/किलो) | कीमत (रु/किलो) | ||
दिल्ली | 19 | 20 | 5.2 |
मुंबई | 20 | 22 | 10 |
कोलकाता | 14 | 15 | 7 |
चेन्नई | 22 | 27 | 23 |
बैंग्लुरू (ईस्ट) | 24 | 34 | 42 |
क्यों आई कीमतों में बढ़त
बाजार के जानकारों के मुताबिक मॉनसून की वापसी के दौरान लंबे समय तक जारी बारिश से कई जगह फसलों को नुकसान हुआ है। बारिश के कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक में टमाटर की फसलों पर बुरा असर पड़ा है जिससे सप्लाई पर असर देखने को मिला है और कीमतों में उछाल दर्ज हुआ है। वहीं प्याज के किसानों ने भी भारी बारिश को कीमतों में उछाल की वजह बताया है। उनके मुताबिक एक तरफ बारिश से फसल पर असर पड़ा है वहीं दूसरी तरफ फसल को लाने ले जाने में भी बारिश के असर से सप्लाई बाधित हुई है। मंडियों में आवक सीमित रहने से ही कीमतों में भी तेजी देखने को मिल रही है।
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