नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पांच करोड़ से अधिक सब्सक्राइर्ब्स को जल्द ही अपने भविष्य निधि कोष में से एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिये शेयरों में निवेश बढ़ाने या घटाने का विकल्प मिल सकता है। ईपीएफओ ने अपने इक्विटी निवेश के लिए एक रिजर्व फंड बनाने की योजना को भी मंजूरी दी है, इससे शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से सब्सक्राइर्ब्स को सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की आज हुई बैठक में इस बारे में संभावना तलाशने का फैसला किया गया। श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार की अध्यक्षता में हुई बैठक में शेयरों में निवेश की नीति में बदलाव करने का फैसला लिया गया। फिलहाल ईपीएफओ के अंशधारकों के पास ऐसा कोई विकल्प नहीं है। यह निकाय अपनी निवेश योग्य जमाओं का 15 प्रतिशत हिस्सा ईटीएफ में निवेश करता है।
सीबीटी ने वित्त निवेश और ऑडिट कमेटी की सिफारिशों को भी स्वीकार कर लिया है। कमेटी ने सुझाव दिया है कि अंशधारकों को उनके कुल योगदान का केवल 15 प्रतिशत के बराबर शेयरों में निवेश किया जाए और सभी यूनिट को ईपीएफओ द्वारा प्रबंधन किया जाए।
ईपीएफओ सेंट्रल प्रोवीडेंट फंड कमिश्नर वीपी जॉय ने कहा कि शेयर निवेश के लिए रिजर्व फंड बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। ईपीएफओ अगस्त 2015 से ईटीएफ में निवेश कर रही है और उसने इक्विटी में अबतक लगभग 420 अरब रुपए का निवेश किया है। इस साल 28 फरवरी तक इस निवेश पर 17 प्रतिशत का रिटर्न मिला है।