नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समूह ने शेयरों में पांच से दस साल की लंबी अवधि के लिए निवेश का सुझाव दिया है। एक सूत्र ने बताया कि समिति का मानना है कि इससे ईपीएफओ के छह करोड़ अंशधारकों को बेहतर रिटर्न मिल सकेगा। ईपीएफओ द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट उसके सलाहकार निकाय वित्त एवं निवेश समिति (एफआईसी) के एजेंडा में थी। यह बैठक 19 सितंबर को हुई थी।
सूत्र ने बताया कि रिपोर्ट पर चर्चा अगली बैठक के लिए टाल दी गई, जो अगले महीने के पहले पखवाड़े में होगी। सूत्र ने कहा कि समिति ने सुझाव दिया है कि ईपीएफओ को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (इक्विटी आधारित योजना) में पांच से दस साल की अवधि के लिए निवेश करना चाहिए, जिससे बेहतर रिटर्न मिल सके। इस पांच सदस्यीय समिति के प्रमुख ईपीएफओ के वित्तीय सलाहकार और मुख्य लेखा अधिकारी हैं। समिति के सदस्यों में एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के सीईओ भी हैं।
ईपीएफओ ने फरवरी में ईटीएफ में अपने निवेश के एक हिस्से को बेच दिया था ताकि 2017-18 के लिए अंशधारकों को ऊंचा ब्याज दिया जा सके। हालांकि, बाद में ईपीएफओ ने बीते वित्त वर्ष के लिए ब्याज को घटाकर 8.55 प्रतिशत करने का फैसला किया, जो 2016-17 में 8.65 प्रतिशत था।
ईपीएफओ ने 2016-17 के लिए 8.65 प्रतिशत ब्याज की घोषणा की थी, जो 2015-16 में मिले 8.8 प्रतिशत ब्याज से कम था। ईटीएफ में बिक्री के बाद ईपीएफओ ने 16 प्रतिशत रिटर्न के साथ 1054 करोड़ रुपए हासिल किए। वर्तमान में, ईपीएफओ का ईटीएफ में निवेश 40,000 करोड़ रुपए से अधिक है। ईपीएफओ अगस्त 2015 से लगातार ईटीएफ में निवेश कर रही है।