नई दिल्ली। हम अक्सर अपना खुद का कारोबार शुरू करने के सपने देखते हैं, सही योजनाओं का कार्यान्वयन होने के साथ सही ब्रांड का चुनाव और मार्केटिंग किसी भी बिजनेस को सफल बनाने के लिए आवश्यक हैं। ब्रांड (जिसे व्यापार चिन्ह भी कहा जाता है और इंग्लिश में ट्रेडमार्क) यदि ख़ास और अनूठा हो तो बिजनेस की सफलता में सहायक सिद्ध होता है।
ट्रेडमार्क को पंजीकृत करना आवश्यक है और आप घर बैठे ही ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन सर्विसेज़ के द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण आवेदन कर सकते हैं। लेकिन इंटरनेट पर विज्ञापित ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन सर्विसेज़ अक्सर पूरी जानकारी नहीं देते हैं, जिसका ख़ामियाज़ा बाद में आवेदक को भुगतना पड़ता है। मेरे पास अक्सर ऐसे केस आते है जहां ट्रेडमार्क के पंजीकरण आवेदन करने के कुछ समय पश्चात भारतीय ट्रेडमार्क कार्यालय उसे नामंज़ूर कर देता है। ऐसी स्थिति में आवेदक द्वारा ट्रेडमार्क के प्रचार-प्रसार में काफ़ी समय और पैसे का निवेश करने के बावजूद उस ट्रेडमार्क का प्रयोग वर्जित हो जाता है।
नए ट्रेडमार्क की परिकल्पना करते समय जिन भारतीय ट्रेडमार्क क़ानून और नीयमों को ध्यान में रखना चाहिए उनपर चर्चा से पहले जानते हैं ट्रेडमार्क के स्वरूप में क़ानून आपको क्या समन्वित करने की अनुमति देता है। ट्रेडमार्क में शब्दों का प्रयोग तो होता ही है, इसके अतिरिक्त प्रतीक चिन्ह (logo), अक्क्षर, संख्या, वाक्य (नारा), रंग, सामान का आकार, ब्रांड, टिकट, हस्ताक्षर, लेबल का मुख्यतः प्रयोग होता है। उदाहरण के तौर पर हम एलआईसी के ट्रेडमार्क को देखते हैं।
ग़ौर कीजिए इसमें हाथों और दीये के डिज़ाइन के साथ संस्कृत के श्लोक का प्रयोग कर प्रतीक चिन्ह बनाया गया है और इसके नीचे एक नारा लिखा है। इस ख़ास डिज़ाइन को या इससे मिलते-जुलते डिज़ाइन को एलआईसी के अतिरिक्त कोई और नहीं प्रयोग कर सकता है। ट्रेडमार्क पंजीकृत करने का मुख्य लाभ है, अपने ट्रेडमार्क पर मालिकाना एकाधिकार और बिना अनुमति किसी के भी द्वारा इसका अवांछित प्रयोग करना ग़ैरक़ानूनी और दंडनीय है।
आइए ग़ौर करें की नए ट्रेडमार्क चयन करते समय कौन सी कुछ प्रमुख सावधानियां बरतनी चाहिए :
सर्वप्रथम ट्रेडमार्क नया और विशिष्ट हो और किसी और के ट्रेडमार्क से पूर्ण रूप से भिन्न हो। नए ट्रेडमार्क का कुछ ख़ास और अनूठा स्वरूप होना चाहिए, जो किसी और के बिजनेस से सम्बंधित पहले से इस्तेमाल में नहीं हो। इस सिलसिले में पंजीकरण आवेदन से पूर्व ये सुनिश्चित करना आवश्यक होता है की बिल्कुल समान या मिलता जुलता ट्रेडमार्क मार्केट में पहले से किसी व्यापार से संबंधित उपयोग में तो नहीं है। भारतीय ट्रेडमार्क कार्यालय के रिकॉर्ड में भी समान या मिलते हुए ट्रेडमार्क की खोज करने का क़ानूनी प्रावधान है।
ट्रेडमार्क संकेतात्मक रूप से क़िस्म, गुणवत्ता या मात्रा आदि किसी भी विशेषता को दर्शाता नही हो ये आवश्यक है। सामान्य तौर पर व्यापार में इस्तेमाल होने वाले शब्दों पर भी ट्रेडमार्क के रूप में एकाधिकृत नहीं हो सकता। उदाहरण स्वरूप लीटर या ग्राम जैसे शब्द जो सामान्यतः मात्रा को इंगित करने में प्रयोग होते हैं, इन्हें ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकृत कर इनपर एकाधिकार नहीं किया जा सकता है।
कुछ अन्य महत्वपूर्ण सावधानियां जो अनिवार्य हैं, विशेषतः सुनिश्चित कर लें की ट्रेडमार्क अपवादजनक नहीं हो और न ही धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता हो, जन मानस को धोखे में डाल किसी प्रकार की भ्रांति नहीं फैलाता हो। ऐसे विशिष्ट प्रतीक चिन्ह और गणमान्य व्यक्तियों के नाम भी ट्रेडमार्क के तौर पर पंजीकृत नहीं कर सकते, जिन्हें ट्रेडमार्क अधिनियम के अतिरिक्त किसी और क़ानून के तहत पंजीकृत करना वर्जित है।
ट्रेडमार्क पंजीकरण में रुकावटों से बचने के लिए ऊपर निर्दिष्ट सुझावों के अनुसार, ऐसे ट्रेडमार्क का चयन करें जो ख़ास हो और आपके बिजनेस को अलग पहचान देने में सहायक हो।
नोट: यह लेख एडवोकेट सुधा झा द्वारा लिखा गया है। वह भारत सरकार की पंजीकृत पेटेंट एजेंट भी हैं।