नई दिल्ली। भारत सरकार अपने डिजिटल मिशन के तहत तेजी से नई तकनीकों को अपना रही है। इस बीच परिवहन विभाग भी तेजी से हाईटेक हो रहा है। दिल्ली में आरटीओ विभाग हाल ही में आनलाइन हो गया है। अब इससे एक कदम आगे बढ़ाते हुए दिल्ली का परिवहन विभाग जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) में बदलाव करने जा रहा है। अब जल्द ही दिल्ली में क्यूआर आधारित स्मार्ट कार्ड जारी किए जा सकते हैं।
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नया स्मार्टकार्ड लोगों के लिए बेहद सुविधा जनक होगा। मिली जानकारी के मुताबिक नए ड्राइविंग लाइसेंस में एक हाई माइक्रोचिप का इस्तेमाल किया जाएगा। इस स्मार्टकार्ड पर क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड और नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी) जैसी विशेषताएं शामिल होंगी।
चिप के इस्तेमाल से हो रही थी परेशानी
मौजूदा व्यवस्था की बात करें तो इन स्मार्टकार्ड पर माइक्रो चिप एंबेड की गई थी। इन्हें एक हेंड हेल्ड मशीन की मदद से पढ़ा जा सकता था। लेकिन दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के पास पूरी मात्रा में ये चिप रीडर मशीनें ही नहीं हैं। वहीं ये चिप अलग अलग राज्यों द्वारा डिजाइन की गई थीं, ऐसे में चिप को पढ़ने और जानकारी प्राप्त करने में कठिनाइयां आ रही थीं।
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QR से हल होंगी मुश्किलें
अब चिप के साथ ही स्मार्टकार्ड पर क्यूआर कोड अंकित होगा। क्यूआर कोड में वाहन एवं लाइसेंस धारक की 10 साल तक की जानारियां मौजूद होंगी। यह सभी ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण के दो वेब-आधारित डेटाबेस सारथी और वाहन के साथ स्मार्ट कार्ड से किसी की जानकारी को जोड़ने में सक्षम होगा।"
जानिए क्या है नियम
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की एक अक्टूबर 2018 की अधिसूचना ने ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र में बदलाव किया था। जिसके तहत नए स्मार्ट कार्ड आधारित डीएल और आरसी में चिप आधारित/क्यूआर कोड आधारित पहचान प्रणाली होगी। साथ ही, डिजिलॉकर्स और एमपरिवहन पर इलेक्ट्रॉनिक स्वरूपों में ड्राइविंग लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों को भी कागजी दस्तावेजों की तरह ही वैध और मूल दस्तावेजों के समान माना गया।