नई दिल्ली। दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन आपके यात्रा समय को घटा देगी। दिल्ली से वाराणसी के बीच 720 किलोमीटर की दूरी है और वर्तमान में ट्रेन से यह दूरी तय करने में 12 घंटे लगते हैं। लेकिन 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली बुलेट ट्रेन से केवल 2 घंटे और 37 मिनट में ही यह यात्रा पूरी हो जाएगी। वाराणसी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा क्षेत्र भी है, को दिल्ली से जोड़ना भाजपा सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। बुलेट ट्रेन के चालू होने के बाद दिल्ली से लखनऊ (440 किलोमीटर) की यात्रा केवल 1 घंटा और 38 मिनट में पूरी हो जाएगी।
स्पैन की कंपनी M/s INECO-TYPSA-ICT ने इस प्रोजेक्ट का व्यावहारिकता अध्ययन पूरा कर लिया है, जो दिल्ली-कोलकाता हाई स्पीड कॉरीडोर (1474.5 किलोमीटर) का हिस्सा है। कंपनी ने अपनी ड्राफ्ट फाइनल रिपोर्ट हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन और रेलवे बोर्ड को गुरुवार को ही सौंपी है।
3,240 रुपए होगा किराया
रिपोर्ट के मुताबिक, बुलेट ट्रेन के लिए 4.5 रुपए प्रति किलोमीटर का बेस फेयर रखने का प्रस्ताव दिया गया है। इसका मतलब होगा कि दिल्ली से लखनऊ की यात्रा के लिए 1980 रुपए और दिल्ली से वाराणसी के लिए 3,240 रुपए खर्च करने होंगे। यह प्रोजेक्ट तीसरा हाई स्पीड प्रोजेक्ट होगा, जो अवधारणा और निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं।
2031 तक ऑपरेशनल होगी बुलेट ट्रेन
मुंबई-अहमदाबाद कॉरीडोर पर इस साल सितंबर से काम शुरू होगा, जबकि मुंबई-नागपुर रूट पर मंजूरी लेने का काम तेजी से चल रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक यदि दिल्ली-वाराणसी प्रोजेक्ट 2021 में शुरू होता है तो दिल्ली-लखनऊ रूट 2029 तक चालू हो जाएगा, जबकि दिल्ली-वाराणसी रूट पर 2031 में बुलेट ट्रेन चलेगी।
इन शहरों से होकर गुजरेगी बुलेट ट्रेन
दिल्ली-वाराणसी रूट पर चलने वाली बुलेट ट्रेन ग्रेटर नोएडा, अलीगढ़, लखनऊ, सुल्तानपुर और जौनपुर से होकर गुजरेगी। जौनपुर स्टेशन पहले योजना का हिस्सा नहीं था लेकिन वहां के सांसद कृष्ण प्रताप सिंह ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास का हवाला देते हुए इसे बुलेट ट्रेन योजना में शामिल करवाया है।
अक्षरधाम मंदिर के पास बनेगा मुख्य टर्मिनल
रिपोर्ट में प्रस्ताव दिया गया है कि दिल्ली में मुख्य टर्मिनल अक्षरधाम मंदिर के पास बनाया जाए। बिना रोलिंग स्टॉक के दिल्ली-वाराणसी 720 किलोमीटर लंबे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के प्रारंभिक खर्च का अनुमान 52,680 करोड़ रुपए लगाया गया है। वहीं दिल्ली-कोलकाता 1474.5 किलोमीटर लंबे ट्रैक निर्माण का खर्च 1.21 लाख करोड़ रुपए बताया गया है।