नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते के यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के साथ आधार संख्या को जोड़ने और उसके सत्यापन की समय सीमा बढाकर 31 नवंबर, 2021 कर दी। न्यायाधीश प्रतिभा एम सिंह ने इस मामले से जुड़ी सुनवाई करते हुए कहा कि इस बढ़ी हुई समय सीमा तक नियोक्ताओं को उन कर्मचारियों के संबंध में जिनके यूएएन के साथ आधार संख्या नहीं जुड़ी है के मामले में भविष्य निधि जमा करने की अनुमति होगी और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी।
न्यायाधीश ने 17 सितंबर को जारी अपने आदेश में कहा कि जब तक आधार संख्या को यूएएन के साथ जोड़ना कानूनी रूप से वैध है अथवना नहीं यह तय नहीं हो जाता है तब तक, आधार के फैसले के मुताबिक, आधार के साथ सत्यापित अथवा प्रमाणत करने में असफल रहने पर कानून के तहत कर्मचारियों को किसी भी लाभ से वंचित नहीं रखा जा सकता।’’
आदेश में कहा गया, ‘‘जिन व्यक्तियों का आधार संख्या से यूएएन को जोड़े जाना बाकी है, उन्हें इसे पूरा करने के लिए 30 नवंबर, 2021 तक का समय दिया जाएगा।’’ न्यायधीश ने कहा, ‘‘इस बीच, नियोक्ताओं को उन कर्मचारियों के संबंध में भविष्य निधि अंशदान जमा करने की अनुमति होगी, जिनके आधार संख्या को यूएएन से जोड़ा जाना बाकी है। वही जिन्होंने अभी तक यह नहीं किया है, उनके खिलाफ कोई दंडात्मक उपाय भी नहीं किया जायेगा।’’
एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज एंड इंस्टीट्यूशंस की याचिका पर सुनवाई कर रही अदालत ने स्पष्ट किया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) एक शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति करेगा। इस अधिकारी को याचिकाकर्ता के सदस्यों या किसी अन्य नियोक्ता द्वारा संपर्क किया जा सकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके जमा में देरी नहीं हो रही है और यह समय पर किया गया है।
अदालत ने कहा कि ऐसे कम्रचारी जिनका आधार नंबर पहले ही ईपीएफओ को उपलब्ध कराया जा चुका है, उनके मामले में कंपनियों को भारतीय सार्वभौमिक पहचान प्राधिकरण से इसके सत्यापन की प्रतीक्षा किये बिना भविष्य निधि को उनके खाते में जमा कराया जाता रहेगा। इस दौरान सत्यापन की प्रक्रिया जारी रहेगी।