नयी दिल्ली। पीएम-किसान योजना के तहत पात्र किसान अब योजना का लाभ पाने के लिए साझा सेवा केंद्रों पर पंजीकरण करा सकते हैं। योजना के लिये इन केन्द्रों ने पंजीकरण का काम शुरू कर दिया है। इस योजना के तहत सरकार किसानों को सालाना 6,000 रुपए की सहायता प्रदान करती है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत, दो हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि रखने वाले 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को तीन किस्तों में 6,000 रुपए दिए जाएंगे।
सीएससी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिनेश त्यागी ने बुधवार को एक बयान में कहा, 'सीएससी को कृषि मंत्रालय द्वारा योजना के कवरेज में तेजी लाने के लिए साथ लिया गया है। देश भर में फैले तीन लाख से अधिक सीएससी (साझा सेवा केन्द्रों) अब पीएम-किसान योजना के लिए पात्र किसानों का नामांकन शुरू करेंगे। किसान अब अपना नामांकन कराने के लिए पास के सीएसी जा सकते हैं और योजना का लाभ ले सकते हैं।' मंत्रालय ने भारत भर में 14 करोड़ सीमांत किसानों के नामांकन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के तहत एक विशेष उद्देशीय कंपनी, सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज के साथ करार किया है।
3 लाख कॉमन सर्विस सेंटर बनाए गए हैं
रजिस्ट्रेशन में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो, इसके लिए पूरे देश में 3 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) बनाए गए हैं। जिन किसानों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, वे नजदीकी सेंटर जाकर नाम जुड़वा सकते हैं।
नामांकन फॉर्म में बदलाव भी करा सकते हैं लाभार्थी
त्यागी ने कहा, 'सीएससी को पिछले नामांकन में कोई भी बदलाव करने अधिकार दिया गया है। कोई भी किसान जो पहले से ही लाभार्थी है और अपने नामांकन फॉर्म में बदलाव करना चाहता है, जैसे कि पता या नामित व्यक्ति (नामिनी) तो ऐसा करने के लिए उस व्यक्ति को सीएससी जाना होगा।' पीएम-किसान केंद्र द्वारा वित्तपोषित एक आय सहायता योजना है, जिसके तहत सरकार किसानों को 2,000 रुपए, यानी 6,000 रुपए का तीन किस्तों में भुगतान करती है। सीएससी पहले से ही किसानों के लिए केंद्र प्रायोजित पेंशन योजना, पीएम किसान मान धन योजना के लिए नामांकन कार्य कर रहा है।
अब तक केवल 7 करोड़ रजिस्ट्रेशन
सूत्रों के मुताबिक, सरकार का लक्ष्य प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से 14 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाना है लेकिन अब तक केवल 7 करोड़ किसानों को ही पीएम-किसान योजना में शामिल किया गया है। अब तक, स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारी और राज्य सरकारों द्वारा नामित नोडल अधिकारी की ही (पीएम-किसान) किसानों के नामांकन की जिम्मेदार थी। अगर किसी किसान का रजिस्ट्रेशन पहले से हो चुका है, लेकिन वह किसी तरह का बदलाव चाहता है तो वह भी सर्विस सेंटर जा सकता है।