नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan) योजना की 8वीं किस्त के लिए देश के 9.5 करोड़ किसानों का इंतजार कल खत्म हो जाएगा। हालांकि नियमों की पूरी जानकारी न होने की वजह से कई लोगों को अब तक या तो किस्त मिली नहीं है, और उन्हें इसकी वजह पता नही हैं। या फिर वो किस्त पा चुके हैं, लेकिन उन्हें ये पता नहीं है कि आगे इस पैसों को उन्हें लौटाना पड़ सकता है। दरअसल मूल रूप से किसान सम्मान निधि सीमित आय वाले किसान परिवारों की मदद के लिये है। हालांकि समय के साथ उन्नति कर चुके किसान परिवारों को इस मदद की जरूरत नहीं होती। ऐसे में तकनीकी रूप से भले ही ऐसे लोग खेती के कामों से जुड़े रहें, लेकिन इन्हें आर्थिक मदद नही दी जाती।
क्यों मिल जाती है आयोग्य उम्मीदवारों को किस्त
अयोग्य उम्मीदवारों को किस्त मिलने की 3 प्रमुख वजह होती है
- किसानों को नियमों की जानकारी ही नहीं होती, उनको लगता है कि खेती में जुड़ा हर शख्स किस्त पाने का हकदार है।
- फायदा पाने वाले किसान को अपनी परिवार के सदस्यों की आर्थिक जानकारी (जैसे -आईटीआर भरना) आदि की जानकारी नहीं होती। और वो किस्त के लिये फार्म भर देते हैं।
- अयोग्य किसान जानबूझकर या किसी के बहकावे में आकर अपनी जानकारियां छुपा देते हैं।
कौन से किसान सम्मान निधि के दायरे में नहीं आते
- ऐसे किसान जिनके पास इंस्टीट्यूशल जमीन है।
- ऐसे किसान परिवार जिसके एक या एक से अधिक सदस्यों ने पिछले साल आयकर दिया हो।
- दूसरों की जमीन पर खेती करने वाले किसान
- खेती करने वाले ऐसे किसान जिनके परिवार में एक या एक से अधिक सदस्य डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, आर्किटेक्ट हैं और वो इसके जरिये कमाई कर रहे हों।
-किसान परिवार जिनके एक या एक से अधिक सदस्यो को 10 हजार रुपये महीने से ज्यादा की पेंशन मिलती हो। (मल्टीटास्क कर्मियों, क्लास 4, ग्रुप डी कर्मचारियों को छोड़कर)
- ऐसे किसान जिनके परिवार के एक या एक से अधिक सदस्य संवैधानिक पदों पर हैं या पहले थे।
- ऐसे किसान जिनके परिवार के एक या एक से अधिक सदस्य केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सरकारी कंपनियों, नगरपालिकाओं के नियमित कर्मचारी/ सेवानिवृत कर्मचारी हैं। (मल्टीटास्क कर्मियों, क्लास 4, ग्रुप डी कर्मचारियों को छोड़कर)
क्या होगा अगर मिल गयी किस्त
अगर इन श्रेणियों में आने वाले किसानों को किस्त मिलती है तो उन्हे पैसा वापस करना होगा। सरकार लगातार ऐसे अभियान चला रही है जिसमें योग्यता न होने पर भी पैसा पाने वालों से रकम वापस ली जा रही है। अधिकांश मामलों में परिवार के सदस्यों की आयकर की जानकारी न होने की वजह से किसानों ने उसकी जानकारी दर्ज नहीं की, हालांकि पैन नंबर आधार आदि से बाद में इसका खुलासा हो गया। अयोग्य लाभार्थियों में आधे से अधिक (55.58%) इसी कैटेगरी में आते हैं।
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