नई दिल्ली। केंद्र सरकार सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए जल्द कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू करने की योजना बना रही है। इसके तहत प्रत्यके मामले में अधिकतम खर्च सीमा 2.5 लाख रुपए होगी। देश में हर साल करीब पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। यह दुनिया में सबसे अधिक है। इन आंकड़ों को देखते हुए यह योजना काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। देश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है और तीन लाख लोग अपंग हो जाते हैं। राज्यों के परिवहन सचिवों तथा आयुक्तों को मंगलवार को भेजे पत्र में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि कैशलेस इलाज की योजना के लिए मंत्रालय के तहत एक मोटर वाहन दुर्घटना कोष बनाया जाएगा।
पत्र में कहा गया है कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सड़क दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस इलाज उपलब्ध कराने के लिए संभवत: राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के मजबूत आईटी ढांचे का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि भारतीय और विदेशी नागरिक, जो सड़क दुर्घटना का शिकार होंगे वे सभी इस योजना का लाभ उठाने के पात्र होंगे। इस योजना के तहत प्रति व्यक्ति प्रति दुर्घटना 2.5 लाख रुपए की अधिकतम सीमा होगी। इस योजना को लागू करने के लिए मंत्रालय द्वारा खोले गए एक एकाउंट के जरिये सड़क दुर्घटना में ट्रॉमा और हेल्थकेयर सेवाओं के लिए वित्तीय मदद उपलब्ध करवाई जाएगी।
इस कोष के लिए धन बीमित वाहनों और हिट-एंड-रन मामलों के लिए जनरल इंश्योरेंस काउसिंल के माध्मय से बीमा कंपनियों से एकत्रित किया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि बिना बीमा वाले वाहनों के लिए भुगतान मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा बिना बीमा वाले वाहन के मालिक को मुआवजा के तौर पर इलाज का खर्च वहन करना होगा।
36 में से 32 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में पीएमजेएवाई योजना लागू है और यह योजना 13 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचा रही है। इस योजनाके तहत पीडि़त को देश में नजदीकी अस्पताल में कैशलेस ट्रॉमा केयर ट्रीटमेंट उपलब्ध कराया जाएगा।