नयी दिल्ली। बजाज ऑटो लिमिटेड ने अगले साल अप्रैल से लागू होने जा रहे भारत स्टेज छह (बीएस-6) के अप्रत्याशित परिणाम होने की आशंका व्यक्त की है। उसने कहा कि इसके कारण घरेलू बाजार में पुराने बीएस-4 वाहनों की बाजार में एक साथ भरमार हो सकती है जिससे चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कीमतों को लेकर अवांछित मूल्य प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है। कंपनी ने 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि उसके मोटरसाइकिल, तिपहिया वाहन तथा छोटे चौपहिया वाहन एक अप्रैल 2020 से कुछ महीने पहले ही बीएस-6 मानक लायक हो जाएंगे।
2019-20 की दूसरी छमाही में गैर-जरूरी प्राइस कंपटीशन
कंपनी ने कहा है कि प्रतिस्पर्धी कंपनियों की इस संबंध में तैयारी को लेकर कुछ कहना मुश्किल है। कंपनी ने अपने शेयरधारकों से कहा कि पूरे उद्योग जगत के लिये हमारा मानना है कि एक अप्रैल 2020 से लागू हो रहे बीएस-6 उत्सर्जन मानकों के अप्रत्याशित परिणाम हो सकते हैं। उसने कहा कि हालांकि प्रतिस्पर्धी कंपनियों के बीएस-6 को लेकर तैयारी का अनुमान लगा पाना मुश्किल है। यदि उनमें से कुछ या अधिकांश के पास बीएस-4 वाहनों का बड़ा भंडार रहा, इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में वे इसे बाजार में झोंकने को बाध्य हो जाएंगे। कंपनी ने कहा कि इससे कीमतों को लेकर अवांछित प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है जो हर किसी के लिये नुकसानदेह होगा। हम यह दावा नहीं कर सकते हैं कि ऐसा होगा ही, लेकिन हम इस जोखिम की आशंका को पूरी तरह से दरकिनार भी नहीं कर सकते हैं।
बजाज ऑटो के पास 16 हजार करोड़ का सरप्लस
कंपनी ने कहा कि विभिन्न श्रेणियों में घरेलू बाजार और प्रतिस्पर्धी होगा तथा वह समय अब समाप्त हो रहा है जब कोई एक विनिर्माता एक या अधिक श्रेणी में वर्चस्व का दावा कर सके। बीएस-6 के कारण बाजार में पुराने मानक वाले वाहनों का स्टॉक खत्म करने के लिए प्राइस कंपटीशन पर बजाज ऑटो ने कहा कि 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक के सरप्लस के साथ उसमें कंपटीशन से उबरने की क्षमता है।