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Beware of Fraud: ऑनलाइन करते हैं फंड ट्रांसफर, तो ये 5 बातें समझ लेना है बेहद जरूरी

इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए लेकर आई है फंड ट्रांसफर से जुड़े ऐसे पांच तरह के फ्रॉड्स की जानकारी, जिनके बादे में जान लेगा आपके लिए बेहद जरूरी है।

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : November 01, 2017 20:30 IST
Beware of Fraud: ऑनलाइन करते हैं फंड ट्रांसफर, तो ये 5 बातें समझ लेना है बेहद जरूरी
Beware of Fraud: ऑनलाइन करते हैं फंड ट्रांसफर, तो ये 5 बातें समझ लेना है बेहद जरूरी

नई दिल्‍ली। नेट बैंकिंग के साथ फंड ट्रांसफर की सुविधा ने हमारी जिंदगी काफी आसान बना दी है। हम वह हर काम नेट बैंकिंग के माध्‍यम से कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं, जिसके लिए हमें बैंक जाने की जरूरत होती थी। लेकिन बैंकिंग की ये ऑनलाइन स‍ुविधा तमाम फायदों के साथ कई खतरे भी लेकर आती है। आपकी जरा सी असावधानी से साइबर लुटेरे कभी भी कंप्‍यूटर हैकिंग या वायरस से आपका अकाउंट साफ कर सकते हैं। रोजमर्रा की भाडदौड़ भरी जिंदगी में नेट बैंकिंग के जरिए लोग आसानी से खरीदारी और यूटिलिटी बिल्स का भुगतान कर देते हैं। ऐसे में साइबर फ्रॉड्स बहुत आम हो गए हैं। ऐेसे में ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए आपको इन फ्रॉड के तरीकों के बारे में जान लेना भी बहुत जरूरी है। यही ध्‍यान में रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए लेकर आई है साइबर वर्ल्ड से जुड़े ऐसे पांच तरह के फ्रॉड्स की जानकारी, जिनके बादे में जान लेगा आपके लिए बेहद जरूरी है।

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1. फिशिंग– फिशिंग एक सबसे ज्‍यादा प्रयोग होने वाला ऑनलाइन फ्रॉड है। इसमें आपके मेल इनबॉक्‍स में आपकी बैंक से एक मेल आता है। ऐसा ई-मेल जो देखने में ऑथेंटिक लगता है और आपसे आपकी निजी जानकारी की मांग करते है। जैसे कि आपके बैंक एकाउंट का पासवर्ड। ध्‍यान रखें कि बैंक कभी भी आपकी निजी जानकारी मेल से नहीं मांगते। खासतौर पर अपना पासवर्ड या एटीएम पिन कभी भी मेल पर शेयर न करें।

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2. विंशिंग– यह फ्रॉड फिशिंग जैसा ही है। लेकिन ऐसा फ्रॉड ईमेल के माध्‍यम से नहीं बल्कि आपको फोन के माध्‍यम से किया जाता है। इसमें आपके पास आए कॉल में दूसरा व्यक्ति खुद को आपके बैंक या क्रेडिट कार्ड का एक्जिक्‍यूटिव या मैनेजर बताता है। आपको लुभावने ऑफर्स देगा या फिर आपको अपनी निजी जानकारी वैरीफाई करने को कहेगा। ध्‍यान रखें कि कई निजी जानकारियां तब तक न दें, जब तक आपने ही किसी क्रेडिट कार्ड या सुविधा के लिए एप्‍लाई न किया हो। ट्रूकॉलर एप आपकी इसमें मददगार हो सकती है, इसमें आपको पता चल जाता है कि यह कॉल दूसरे लोगों तक भी पहुंची है, और ज्‍यादातर लोगों ने इसे रिजेक्‍ट या ब्‍लॉक श्रेणी में रखा हे।

3. स्मिशिंग– ये फ्रॉड भी विशिंग जैसे ही होते हैं। लेकिन इस फ्रॉड में आपको एसएमएस भेजे जाते हैं। इसमें मेसेज भेजने वाला खुद को बैंक का कार्यकारी बताता है और आपको लुभावने ऑफर्स देता है या फिर आपको अपनी निजी जानकारी एसएमएस के जरिए वैरीफाई करने को कहता है। भूलकर भी ऐसे मैसेज का जवाब न दें। क्‍योंकि आपके द्वारा दी गई जानकारी आपके ही खिलाफ यूज की जा सकती है।

4. स्किमिंग– यह फ्रॉड क्रेडिट या डेबिट कार्ड से जुड़ा है। इसके तहत जब भी आप अपना क्रेडिट या डेबिट कार्ड काउंटर पर स्वाइप करते है उस वक्त कई जगहों पर कार्ड की डिटेल्स को कॉपी कर लिया जाता है। क्रेडिट या डेबिट कार्ड में लगी मेगनेटिक स्ट्रिप में सारी जानकारी सेव्ड होती है। इस जानकारी को दूसरे ब्लैंक कार्ड पर कॉपी कर लिया जाता है और फिर ट्रांजेक्शन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

5. कार्डिंग– ये फ्रॉड भी क्रेडिट या डेबिट कार्ड से जुड़े हैं। इसके तहत आपके चारी किए गए कार्ड का उपयोग होता है। इस तरह के फ्रॉड में चोरी किए गए क्रेडिट या डेबिट कार्ड की प्रमाणिकता को जांचा जाता है। इससे पहले छोटी खरीदारी की जाती है। अगर सफल हुए तो फिर आगे चल कर बड़ी चीजों की खरीदारी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

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