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Taxable Income न होने पर भी फाइल करें रिटर्न, ये होंगे फायदे

Know the benefits of filing income tax return for Taxable income

Surbhi Jain
Updated on: July 09, 2016 12:21 IST
It’s Important: Taxable Income न होने पर भी फाइल करें Income tax रिटर्न, ये होंगे फायदे- India TV Paisa
It’s Important: Taxable Income न होने पर भी फाइल करें Income tax रिटर्न, ये होंगे फायदे

नई दिल्ली। टैक्‍स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई करीब आ रही है। ऐसे में जो टैक्‍स के दायरे में आते हैं, वैसे आम टैक्‍सपेयर्स की धड़कनें तेज होनी शुरू हो गई होंगी। लेकिन यदि आपकी इनकम टैक्‍स स्‍लैब के हिसाब से एक्‍जंप्‍शन लिमिट से कम है, तो आप चैन की सांस ले जरूर सकते हैं। लेकिन बहुत से नौकरीपेशा लोगों को यह बात पता नहीं होती कि इनकम टैक्सेबल न होने पर भी रिटर्न फाइल करने से आपको कई बेनिफिट्स मिलते हैं। इंडिया टीवी पैसा की टीम आज अपने पाठकों को यह बात बताने जा रही है कि क्यों टैक्स रिटर्स फाइल करना आपके लिए जरूरी है-

क्या होता है इनकम टैक्स रिटर्न-

इनकम टैक्स रिटर्न वह दस्तावेज होता है जहां पर एक वित्तीय वर्ष में किए गए ट्रांस्जेक्शन के बारे विवरण होता है। इसमें सभी स्रोत से हुई आय के बारे में जानकारी होती है साथ ही सभी कर कटौती के बाद कितना टैक्स बकाया है उसके बारे में जानकारी दी होती है।

तस्वीरों में जानिए टैक्स सेविंग प्रोडक्ट्स के बारे में

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क्या यह फाइल करना अनिवार्य है-

ऐसा माना जाता है कि अगर कोई टैक्स देय नहीं है तो रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं है। जबकि ऐसा मानना गलत है। आयकर विभाग की ओर से टैक्स रिटर्न उस स्थिति में भी फाइल की जाती है जब किसी वित्तीय वर्ष में सालाना आय (इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80सी से 80यू तक कर कटौती के दायरे में आती हैं) वह 2.5 लाख रुपए से ऊपर हो, तीन लाख रुपए उन टैक्सपेयर्स के लिए जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा और 5 लाख जिनकी उम्र 80 वर्ष से ऊपर है। साथ ही अगर आपकी आय कर योग्य नहीं है, लेकिन भारत के नागरिक हैं व विदेश में कोई भी संपत्ति है तो उस स्थिति में भी रिटर्न फाइल करना आवश्यक है।

लोग क्यों टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते?

रिटर्न फाइल न करने पर आयकर विभाग से तुरंत नोटिस नहीं आता जिस वजह से लोग फाइल नहीं करते हैं। लेकिन कुछ समय बाद धीरे धीरे विभाग उन लोगों के बारे में जानकारी निकाल लेता है जो नियमित रूप से फाइल नहीं करते। टैक्स रिटर्न न फाइल करने के पीछे दूसरी वजह जागरूकता का अभाव और प्रक्रिया को लेकर परेशानी है। जैसे कि फॉर्म को लेकर जानकारी न होना, सब्मिट की तारीख के बारे में न पता होना, आदि। इन सब सवालों के जवाब ऑनलाइन पोर्टल्स से ली जा सकती है।

इसकी तीसरी वजह यह है कि लोगों को लगता है कि जब सारे टैक्स टीडीएस के रूप में कट जाता है तो रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होती है। लेकिन ऐसा हर स्थिति के लिए मान्य नहीं है। आमतौर पर संवैधानिक जिम्मेदारी समझते हुए आपका नियोक्ता जमा किए गए डेक्लेरेशन के आधार पर सैलरी में से टैक्स काट लेता है। इसके अलावा अन्य आय के स्रोत जैसे कि ब्याज, कमिशन, रेंट आदि पर टैक्स काटा जाता है। जब आप अपनी सभी आय को सैलरी के साथ जोड़ते हैं और कर कटौती को देखते हैं तो फाइनल टैक्स रेट टीडीएस रेट से अलग होता है। ऐसे में या तो ज्यादा टैक्स देना पड़ता है या फिर रिफंड मिलता है।

बिना टैक्सेबल इनकम के रिटर्न फाइल करने क्या हैं फायदे-

टैक्स रिटर्न में आपकी ओर से कमाई गई कुल आय और टैक्स भुगतान का विवरण होता है। साथ ही यह दस्तावेज आपकी इनकम के प्रमाण के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अन्य फायदें-

टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए आवश्यक होता है-

टैक्स रिफंड पाने का अनुभव पे चेक पाने की तरह होता है। इसलिए टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करना आवश्यक है।

अपने लॉसेस (नुकसान) को कैरी फॉर्वर्ड करना (अगले लाभ से घाटा पूर्ति)

इनकम टैक्स लॉ के तहत कुछ चुनिंदा लॉसेस जैसे कि कैपिटल लॉस को फ्यूचर गेन या आय की एवज में अगले लाभ से घाटा पूर्ति कर सकते हैं। घाटा पूर्ति अगले आठ वर्षों तक के लिए की जा सकती है।

यह लोन पाने की प्रक्रिया को आसान बना देता है-

घर या गाड़ी के लिए लोन एप्लाई करते समय कई बैंक आवेदक से पिछले 2 से  3 वर्षों की टैक्स रिटर्न की कॉपी की मांग करते हैं। इससे बैंक आवेदक की वित्तीय स्थिति समझता है जिससे कि यह पता चल सके कि वह लोन रिपेमेंट के लिए कितना सक्षम है। रिटर्न की कॉपी देने से लोन एप्लीकेशन की प्रक्रिया तेज हो जाती है।

वीजा एप्लिकेशन में भी टैक्स रिटर्न की कॉपी मांगी जाती है-

अगर विदेश में नौकरी करना चाहते हैं तो वीजो एप्लिकेशन के समय पिछले कुछ वर्षों की टैक्स रिटर्न की कॉपी देने होती है। यह खासकर अमेरिका, यूके, कनाडा और यूरोप के वीजा के लिए जरूरी होता है।

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