Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. फायदे की खबर
  4. पुराने लोन का Balance ट्रांस्फर करवाते वक्त ध्यान रखें ये 5 बातें

पुराने लोन का Balance ट्रांस्फर करवाते वक्त ध्यान रखें ये 5 बातें

Here are the five points to kept in mind before transferring your balance from previous loan.

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: May 18, 2016 7:48 IST
Debt Trap: पुराने लोन का Balance ट्रांसफर पड़ सकता है महंगा, नुकसान से बचा सकती हैं ये 5 बातें- India TV Paisa
Debt Trap: पुराने लोन का Balance ट्रांसफर पड़ सकता है महंगा, नुकसान से बचा सकती हैं ये 5 बातें

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक की ओर से मुख्य नीतिगत दरों (रेपो रेट) में नरमी के बाद बैंक और वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनियां ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए तमाम तरह की नई स्कीमें ला रही हैं। इनमें जहां एक ओर बैंक नया कर्ज लेने पर कम ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस में कमी और कर्ज वापसी की मियाद बढ़ाकर ग्राहकों को आकर्षित करते हैं, वहीं दूसरी ओर पहले से किसी बैंक में चल रहे लोन को अपने बैंक में कम ब्याज दर पर ट्रांस्फर कराने के लिए ग्राहकों को विकल्प देते हैं। इसके पीछे बैंकों और वित्तीय कंपनियों का एकमात्र ध्येय ज्यादा से ज्यादा बिजनेस को अपनी को आकर्षित करना होता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि ग्राहकों के लिए अपना पुराना लोन नए बैंक में ट्रांस्फर कराना कितना फायदेमंद साबित होता है? साथ ऐसी कौन सी बातें हैं जो किसी व्यक्ति को लोन ट्रांस्फर करते वक्त याद रखनी चाहिए?

समझदारी से लें काम

अगर आपका किसी बैंक में पर्सनल या कोई और लोन चल रहा होगा तो निश्चित तौर पर इन दिनों आपको बैंकों के एक्जिक्युटिव या एजेंसियों से लोन ट्रांस्फर कराने के लिए फोन कॉल्स आ रहे होंगे। बैंकों के एक्जिक्युटिव आपको यह समझाने की कोशिश करते हैं कि बैलेंस ट्रांस्फर कराकर आप अपनी ईएमआई के बोझ को कम कर सकते हैं, साथ ही अगर आपको और लोन की जरूरत है तो आप वह भी ले सकते हैं। निश्चित तौर पर किसी साधारण कर्जदार के दिमाग में यही बात आती है कि यह फायदे की बात है। लेकिन इसके पीछे छुपी कुछ ऐसी शर्तें होती हैं जिनकों जानने के बाद कर्जदार असल खुद को ठगा महसूस करता है।

ऐसे में किसी पुराने लोन का बैलेंस ट्रास्फर कराने से पहले निम्नलिखित 5 बातों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

1. कई बार बैंक आपकी EMI की रकम घटाने के लिए कर्ज की मियाद को बढ़ा देते हैं। ऐसे में बैलेंस ट्रांस्फर करवाने से पहले यह जान लें कि नये बैंक से लोन शुरू हो जाने के बाद असल में आपको कुल कितनी रकम का भुगतान करना पड़ेगा। EMI की राशि को कुल महीनों की संख्या से गुणा करके आप पता कर सकते हैं कि कर्ज की राशि से कितना ज्यादा पैसा असल में आपको लौटाना पड़ा रहा है। यह राशि पिछले बैंक से कम होना जरूरी है।

2. बैलेंस ट्रांस्फर की प्रक्रिया असल में पुराने कर्ज को खत्म कर नए बैंक से बची राशि का लोन शुरू करना है। इसमें आप नए बैंक से लोन लेकर पुराने बैंक को देते हो और नए बैंक के साथ आपका संबंध स्थापित हो जाता है। इस प्रक्रिया में अक्सर कई तरह के चार्जेज आपकर लग जाते हैं। मसलन, पुराने बैंक से लोन खत्म करने पर प्री पेमेंट चार्जेज, नए बैंक से लोन लेने पर प्रोसेंसिग फीस आदि। कर्जदार को इस बात बहुत ध्यान रखना चाहिए कि असल में नया लोन इन सब चार्जेज के बाद उसको महंगा तो नहीं पड़ रहा या कह लीजिए कि जो फायदा उसको एक बैंक से दूसरे बैंक में कर्ज ट्रास्फर कराने से हो रहा वह इन्ही चार्जेज में तो खत्म नहीं हो जा रहा।

तस्वीरों में जानिए ऑनलाइन फंड ट्रांस्फर की प्रक्रिया

online fund transfer

Fund1online fund transfer

Fund2online fund transfer

fund3online fund transfer

fund4online fund transfer

fund5online fund transfer

3. अगर आप अपने पुराने लोन के बड़े हिस्से का भुगतान कर चुके हैं तो पुराने लोन पर और टॉप अप लेने से बचे। जरूरत पड़ने पर आप नए सिरे से लोन एप्लाई करें। साथ ही ब्याज दरें कम हो जाने पर आप अपने मौजूदा बैंक से ब्याज दरों में कटौती करने को कहें।

जब आप किसी बैंक से लोन लेते हैं तो बैंक आपको बहुत सी चीजें बेनेफिट के तौर पर देता है जैसे फ्री सेविंग अकाउंट, इंश्योरेंस आदि। लोन बंद कराने से पहले मिलने वाली इन सुविधाओं के बारे में भी सोच लें। लोन खत्म होने पर आपकी अन्य सुविधाओं पर तो किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

बैलेंस ट्रांस्फर करवाते वक्त दोनों ही बैंकों की नियम व शर्तें आप गौर से पढ़ लें। तमाम बैंकों की लोन देने या खत्म करने की अलग अलग तरह की शर्तें होती हैं। ऐसे में ध्यान देने की जरूरत हैं कि आपके किसी अन्य वित्तीय लेने-देने पर आपके इस निर्णय का कोई असर नहीं पडे़गा।

4. बैंक लोन देते समय फ्री क्रेडिट कार्ड, इंश्योरेंस आदि लुभावने आफर्स आवेदनकर्ता के समक्ष रखते हैं। यहां दो बातें ध्यान देंने योग्य हैं पहली यह इन ऑफर्स की आड़ में आपके असली काम को कोई नुकसान न हो रहा हो और दूसरा क्रेडिट कार्ड और इंश्योरेंस जैसी चीजें तभीं लें जब वास्तव में आपको इसकी जरूरत हो।

5. बैंकों का मूल काम कर्ज देना ही है। ऐसे में तमाम तरह के ऑफर्स समय समय पर आपके समक्ष आते रहेंगे। छोटे छोटे बेनेफिट के लालच में फंसकर आप जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। बैंलेंस ट्रांस्फर करवाते समय ऊपर लिखे बिन्दुओं पर गौर फरमा लें।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। My Profit News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement