नई दिल्ली। भारतीय रेलवे के साथ टिकट बुक कराना जितना आसान होता जा रहा है, उतना ही मुश्किल अब टिकट कैंसल कराना और रिफंड लेना होता जा रहा है। बहुत से लोग तो रेलवे की टिकट बुक सर्विस देने वाली कंपनी आईआरसीटीसी के नियमों से ही वाकिफ नहीं हैं, जिससे उन्हें अनजाने में ही आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। आइए आज हम आपको रेलवे के टिकट कैंसल और रिफंड से जुड़े कुछ नियमों के बारे में बताते हैं, जो शायद आपकी पैसा बचाने में मदद करें।
कब और कैसे कराएं कैंसेलेशन
रेलवे ने बुक किया गया ट्रेन टिकट कैंसल करने के लिए 12:20 एएम से 11:45 पीएम तक का समय निश्चित किया है। हालांकि आपके पैसे कब तक रिफंड होंगे, इसकी कोई निश्चित अवधि नहीं है। अगर आपने टिकट ऑनलाइन खरीदा है तो उसका कैंसेलेशन भी ऑनलाइन ही होगा। रिफंड उसी मोड में वापस आएगा, जिसके जरिये आपने भुगतान किया था। विंडो टिकट को रिजर्वेशन काउंटर पर ही जाकर कैंसल कराना होगा।
भिन्न श्रेणी के लिए है अलग-अलग चार्ज
स्लीपर क्लास का रिजर्व्ड टिकट ट्रेन के चलने से 48 घंटे पहले कैंसल कराने पर टिकट एमाउंट से 120 रुपए और जीएसटी कटेगा। आरएसी का टिकट कैंसल न कराने पर कोई रिफंड वापस नहीं मिलेगा। जिन यात्रियों का नाम वेटिंग लिस्ट में है और उनका ऑनलाइन टिकट कन्फर्म नहीं होता है तो टिकट के पैसे वापस आ जाएंगे। यदि यात्री ने विंडो से टिकट लिया है तो उसे ट्रेन के आने से 30 मिनट पहले टिकट कैंसल कराना होगा, ट्रेन का समय निकलने के बाद पैसे वापस नहीं होंगे।
थर्ड एसी या एसी चेयरकार का टिकट ट्रेन चलने के 48 घंटे पहले टिकट कैंसल कराने पर टिकट एमाउंट से 180 रुपए व जीएसटी कटेगा। वहीं ट्रेन चलने के 12 घंटे पहले लेकिन 48 घंटे के भीतर टिकट कैंसल कराया जाता है तो टिकट एमाउंट का 25 प्रतिशत और जीएसटी कटेगा। ट्रेन चलने के 4 घंटे पहले से लेकर 12 घंटे के भीतर टिकट कैंसल कराने पर टिकट एमाउंट का 50 प्रतिशत और जीएसटी कटेगा।
सैकेंड एसी का टिकट कैंसल कराने के लिए 48 घंटे पहले टिकट एमाउंट से 200 रुपए और जीएसटी कटेगा। वहीं ट्रेन के समय से 12 घंटे पहले और 48 घंटे के भीतर टिकट कैंसल कराने पर टिकट एमाउंट का 25 प्रतिशत और जीएसटी कटेगा। ट्रेन के समय से 4 घंटे पहले से लेकर 12 घंटे के भीतर तक टिकट कैंसल कराने पर टिकट एमाउंट का 50 प्रतिशत और जीएसटी कटेगा।
फर्स्ट एसी का टिकट ट्रेन के समय से 48 घंटे पहले कैंसल कराने पर 240 रुपए और जीएसटी कटेगा। इसके बाद सेकेंड व थर्ड एसी की तरह नियम लागू होंगे।