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म्‍युचुअल फंड से उठाना चाहते हैं अधिकतम मुनाफा, निवेश से जान लें ये जरूरी बातें

among all the investment avenues Mutual Funds is also a good option for investment purpose. Here is the basic guide about what are MF, its types, etc.,

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated : July 21, 2016 8:22 IST
नई दिल्‍ली। अपनी पूंजी को बढ़ाने के लिए सभी निवेश विकल्पों में से म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) भी एक अच्छा ऑप्शन है। लेकिन कौन सा फंड आपकी जरूरत के अनुसार सबसे बेहतर है और किस फंड के साथ आप अपना लक्ष्‍य प्राप्‍त कर सकते हैं, यह समझना बेहद टेढ़ी-खीर है। भारतीय बाजार में करीब 3000 म्यूचुअल फंड स्कीम, 45 फंड हाउस है, जिसमें कुल 14 लाख करोड़ एसेट्स हैं। इन सबसे सबसे सही फंड का चयन करना थोड़ा कठिन कार्य है। ऐसे में इंडिया टीवी पैसा की टीम आज अपने पाठकों को बताने जा रही है कि क्या होते हैं म्यूचुअल फंड्स, कब करते हैं यह काम, म्यूचुअल फंड्स के प्रकार और कैसे करें सही फंड का चयन।

क्या होते हैं म्यूचुअल फंड्स-

शेयर बाजार की चाल को समझना आम निवेशक के बस की बात नहीं होती। यही कारण है कि म्‍यूचुअल फंड्स शेयर मार्केट में निवेश करने का सबसे समझदारी भरा और आसान जरिया माना जाता है। यहां बड़े फंड मैनेजर्स आपके निवेश को मुनाफेमंद बनाने का काम करते हैं। इसमें निवेश विकल्प इक्विटी,डेट, गोल्ड, कमोडिटी, रियल एस्टेट आदि हो सकते हैं। मौजूदा समय में भारत में म्यूचुअल फंड्स की मदद से सीधे रियल एस्टेट में निवेश नहीं कर सकते हैं। रियल एस्टेट के लिए इक्विटी शेयर्स या फिर रियल एस्टेट के बांड्स में निवेश कर सकते हैं। देश में सबसे ज्यादा इक्विटी मार्केट, डेट मार्केट और गोल्ड में निवेश किया जाता है। निवेश का उदेश्य चयन किए गए एसेट क्लास पर निर्भर करता है। इक्विटी लंबे समय के लिए पूंजी बढ़ाने के लिए चुना जाता है, जबकि डेट का चयन नियमित आय अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए और सोने का चयन महंगाई से सुरक्षा के लिए किया जाता है।

सभी फंड्स का रिटर्न भी अलग-अलग

म्यूचुअल फंड्स तब काम करते हैं जब आप सही फंड का चयन करते हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह म्यूचुअल फंड्स में निश्चित रिटर्न्स नहीं होते हैं। इसमें जोखिम अलग-अलग स्कीम पर निर्भर करता है। इसमें एक निश्चित समय के लिए निवेश किया जाता है। ध्यान रखें हमेशा ऐसे फंड का चयन करें जो आपकी जरूरतो को पूरा करे और जिसमें आप सही अवधि तक निवेश कर सकें। इक्विटी फंड्स उन निवेशकों के लिए बेहतर होता है जो कम से कम 5 से 7 वर्ष तक के लिए निवेश कर सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर डेट फंड उन निवेशकों के लिए होता है जिन्हें तीन महीने से लेकर तीन वर्षों तक पैसे की जरूरत होती है।

कब म्यूचुअल फंड्स से नहीं मिलता फायदा

निश्चित रिटर्न पाने के लिए म्यूचुअल फंड एक सही विकल्प नहीं है। जैसे कि यह इक्विटी और फिक्स्ड इनकम मार्केट में निवेश करते हैं तो इसका रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। रिस्क लेने से अन्य एश्योर्ड रिटर्न इंस्ट्रूमेंट की तुलना एमएफ में अधिक रिटर्न पाने की संभावना ज्यादा होती है। निश्चित रिटर्न पाने के लिए एमएफ एक बेहतर निकल्प नहीं है। कानून के मुताबिक एमएफ पिछले रिटर्न्स ही दिखा सकता है। पिछले समय में किसी स्कीम के अच्छे प्रदर्शन का मतलब यह बिल्कुल नहीं होता कि यह आगे भी अच्छा ही रिटर्न देगा।

म्यूचुअल फंड्स के प्रकार-

म्युचुअल फंड्स चार तरह के होते हैं:

1. इक्विटी- यह फंड्स इक्विटी मार्केट में निवेश करते हैं। इसमें लार्ज कैप, मीडियम या स्मॉल साइज कंपनियों में निवेश करते हैं। जिसमें दोनों का मिश्रण होता है वह मल्टी कैप फंड्स होते हैं। इनमें कुछ सेक्टर फंड्स भी होते हैं जो एक या एक से ज्यादा सेक्टर में निवेश करते हैं। यह उनके लिए पायदेमंद होते हैं जिनके पास चुनिंदा सेक्टर्स के बारे में अच्छी जानकारी हो। सभी तरह के फंड्स में से इक्विटी में सबसे ज्यादा जोखिम होता है। मसलन, इनमें लंबे समय के लिए निवेश किया जाता है। इक्विटी फंड्स में केवल तभी निवेश करना अगर आपका वित्तीय लक्ष्य 5 से 7 वर्ष दूर है।

2. डेट- यह फंड फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट जैसे कि बांड, सरकार की सिक्योरिटी या फिर छोटी अवधि के विकल्प जैसे कि डिपॉजिट के सर्टिफिकेट और कमर्शियल पेपर्स में निवेश करते हैं। इसमें भी निश्चित रिटर्न नहीं होते, लेकिन यह इक्विटी से कम वॉलेटाइल होते जिससे की नियमित आय प्राप्त की जा सके।

3. हाइब्रिड फंड्स- यह फंड्स इक्विटी और डेट मार्केट दोनों में एक ही समय पर निवेश करते हैं। इक्विटी की निवेश राशि पर इसके जोखिम की क्षमता निर्भर करती है। बैलेंस्ड फंड में 50 से 70 फीसदी इक्वेटी मार्केट में निवेश किया जाता है। मंथली इनकम प्लान में निल से 20 फीसदी के बीच निवेश किया जाता है। मसलन, एमआईपी में पांच साल के लक्ष्य को देखते हुए निवेश किया जाता है।

4. गोल्ड फंड्स- यह फंड्स सोने में निवेश करते हैं। फिजिकल गोल्ड खरीदने और स्टोर करने की बजाय सोने में इन फंड्स के जरिए निवेश करना एक अच्छा विकल्प है। अगर आपके पास डीमैट एकाउंट है तो आप एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश कर सकते हैं। एकाउंट होने की स्थिति में गोल्ड म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश किया जा सकता है।

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