नई दिल्ली। अगर आप लगातार यूपीआई और डिजिटल तरीकों से लेन देन करते रहते हैं तो जल्द ही आपके खातों में बैंक कुछ रकम वापस करने वाले हैं। सीबीडीटी ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि 1 जनवरी 2020 के बाद से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान पर अगर कोई अतिरिक्त शुल्क लगाया गया तो तुरंत उसे ग्राहकों को वापस किया जाए। अपने बयान में सीबीडीटी ने कहा कि पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम एक्ट 2007 के मुताबिक 1 जनवरी 2020 के बाद से इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट सहित कोई भी शुल्क नहीं लगाया जाएगा।
ये नियम रूपे डेबिट कार्ड, यूपीआई, यूपीआई क्विक रिस्पॉन्स कोड, भीम यूपीआई क्यूआर कोड पर लागू होगा। यानि अगर आपने इन तरीकों से पहली जनवरी के बाद कोई भुगतान किया है या करते आ रहे हैं और आपके बैंक ने इन पर कोई शुल्क लगाया है तो बैंक इस शुल्क को आपको वापस करेगा। इसके साथ ही सीबीडीटी ने निर्देश दिए हैं कि बैंक आगे इन इलेक्ट्रॉनिक मोड से ट्रांजेक्शन पर शुल्क नहीं लेंगे।
डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए और कम कैश वाली इकोनॉमी की तरफ बढ़ने के लिए ही सरकार ने कई उपायों का ऐलान किया है जिसमें डिजिटल ट्रांजेक्शन पर अतिरिक्त चार्जेस को हटाने का फैसला शामिल है। ऐसी जानकारी मिली थी कि कुछ बैंक यूपीआई ट्रांजेक्शन पर शुल्क वसूल रहे हैं या फिर फ्री ट्रांजेक्शन की सीमा तय कर दी गई है, जिसके बाद वो हर भुगतान पर शुल्क ले रहे हैं। सीबीडीटी ने कहा कि ऐसा कोई भी अतिरिक्त शुल्क लेना नियमों का सीधा उल्लंघन है। ऐसे में बैंक ये शुल्क ग्राहकों से नहीं ले सकते।