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रजिस्ट्रेशन
जिस तरह हम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ईमेल या अन्य सेवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होता है, यही प्रक्रिया इनकम टैक्स रिटर्न की शुरूआत में भी करना होता है। इसके लिए सबसे पहले आयकर विभाग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। आप अपने पैन कार्ड के आधार पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इनकम टैक्स की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन रिटर्न फाइल करने के अलावा और भी कई काम आता है। इसकी मदद से आप अपने आईटीआर का स्टेटस जान सकते हैं। इसके अलावा रिफंड की जानकारी व आपके आईटीआर से संबंधित यदि आपको कोई नोटिस आता है तो उसकी भी जानकारी आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की साइट पर जाकर मिल जाएगा। खास बात यह है कि इन सभी सुविधाओं के लिए आपको पैसे भी खर्च करने की जरूरत नहीं होती। आयकर विभाग की वेबसाइट पर यह सुविधा निशुल्क है।
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समझिए कि कौन सा फॉर्म आएगा आपके काम
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अलग अलग आय स्रोतों के आधार पर अलग अलग आईटीआर फॉर्म नोटिफाई किए हैं। अब आपका दूसरा कदम अपने लिए सही फार्म का चयन करना है। आप सही फार्म इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए हम यहां बता रहे हैं कि कितनी तरह के फॉर्म वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
आईटीआर-1 (सहज) : ये फॉर्म उनके लिए है जिनकी इनकम सेलरी, पेंशन या अन्य स्रोतों से है, जैसे कि बैंक से मिलने वाले ब्याज या घर किराए के रूप में है। यदि आप इस श्रेणी में आते हैं तो आप इस फार्म में अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
आईटीआर-2: यह फार्म उन लोगों के लिए मान्य है जिनकी इनकम सेलरी, एक से अधिक हाउस प्रापर्टी, कैपिटल गेन व अन्य स्रोतों जैसे लाटरी, क्रॉर्सवड पजल, घुडदौड़, गैंबलिंग इत्यादि से हुई हो या जिनके पास विदेशों में बैंक अकाउंट या संपत्ति है। जिन लोगों की आय बिजनेस या व्यवसाय से हो वह इस फार्म के जरिए रिटर्न नहीं भर सकते।
आईटीआर-2ए: यह फार्म उन लोगों के लिए मान्य है जिनकी इनकम सेलरी, एक से अधिक हाउस प्रापर्टी, दूसरे सोर्स जैसे लाटरी से आमदनी, क्रॉसवर्ड पजल, घुडदौड़, गैंबलिंग आदि से है किन्तु कैपिटल गेन से न हुई हो। जिनके पास विदेशों में बैंक अकाउंट या संपत्ति है या जिन व्यक्तियों की आय बिजनेस या व्यवसाय से हुई हो ऐसे लोग इस फार्म में अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर सकते।
आईटीआर-3: यह फार्म उन व्यक्तियों के लिए है जो किसी पार्टनरशिप फर्म में पार्टनर हैं। ऐसे व्यक्ति जो कि पार्टनरशिप फर्म में पार्टनर होने के साथ-साथ अपना निजी व्यवसाय भी कर रहे हैं, वह इस फार्म का उपयोग नहीं कर सकते।
आईटीआर-4: ऐसे व्यक्ति जिनकी आमदनी किसी बिजनेस या प्रोफेशन से होती है। जैसे कि डाक्टर, इंजीनियर, चार्टेड अकाउंटेंट, वकील, बीमा एजेंट, म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर या छोटे दुकानदार इस फार्म में अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
आईटीआर-4एस: ऐसे व्यवसायी या व्यापारी जो अपना व्यापार खाता ठीक से नहीं रखते वह अपना रिटर्न इस फार्म में भर सकते है। यह एक सीमा के नीचे आमदनी वाले व्यापारियों के लिए ही संभव है।
सहेज कर रखें अपने अहम दस्तावेज
अपने दस्तावेज तैयार रखें आपको अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए फार्म 16 के साथ साथ फार्म 26एएस व बैंक स्टेटमेंट की भी जरूरत पड़ेगी। यदि आप वेतन भोगी कर्मचारी हैं तो आपके पास फार्म 16 होगा। यदि आप एक कंसलटेंट के रूप में काम कर रहे हैं या फिक्स्ड डिपाजिट से आपकी आमदनी हैं तो आपके पास फार्म 16 होगा। आपकी आमदनी पर जो टैक्स कटा है उसकी जानकारी आपको फार्म 26एस से भी मिल जाती है। आपको सेविंग बैंक खाते से कितना ब्याज मिला है इसकी जानकारी आपको बैंक पासबुक या स्टेटमेंट से मिल जाएगी।
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फाइलिंग से पहले समझें टैक्स में छूट का लाभ
आयकर कानून की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत कुछ विशेष स्थितियों में आयकर में छूट का प्रावधान है। यदि आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं और आपने अपने निवेश की जानकारी अपने आफिस में दे दी थी तो आपके फार्म 16 में यह दर्ज हो गया होगा यदि आपने जानकारी नहीं दी थी तो आप रिटर्न भरते समय इसका लाभ ले सकते हैं। सेविंग बैंक व फिक्स्ड डिपाजिट पर मिलने वाला कुल ब्याज आपको अदर सोर्स में भरना होगा। सेविंग अकाउंट में 10,000 रपए तक के ब्याज पर टैक्स नहीं लगता इसलिए आप 80टीटीए के तहत सही स्थान पर इसकी जानकारी भरकर अपनी कुल आमदनी में से घटा सकते हैं।
आमदनी का संयोजन आयकर की धारा 64 के तहत आयकर कानून में परिवार के अन्य सदस्यों की इनकम को अपनी इनकम के साथ जोड़ने का प्रावधान है। उदहारण के तौर पर यदि आपने अपने पति या पत्नी के नाम पर कुछ पैसा निवेश किया है तो इस पर मिलने वाला ब्याज आपकी आमदनी में जुड़ जाएगा और आपको उस पर टैक्स देना होगा। यदि आपने अपने बच्चे के नाम पर कुछ पैसा निवेश किया है और उस पर मिलने वाला ब्याज 1500 रपए से अधिक है तो माता या पिता में से जिसकी आमदनी अधिक होगी यह राशि उसकी आमदनी में जोड़नी होगी।
यदि जरूरत हो तो टैक्स भरें यदि फार्म में सारी जानकारी भरने के बाद आपको अतिरिक्त टैक्स जमा करने की जरूरत पड़ती है तो आप आनलाइन चालान 280 भर कर अपना टैक्स भर सकते हैं। रिटर्न भरने के बाद आपको उसे इनकम टैक्स की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। इसके बाद आप अपने आधार नंबर या बैंक अकाउंट से लिंक करके इसका आनलाइन वेरिफिकेशन कर सकते हैं। अन्यथा आपको 120 दिन के भीतर अपना आईटीआर-वी फार्म दिए गए पते पर सीपीसी बेंगलुरू भेजना होगा।
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