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90 प्रतिशत भारतीय आधार को मानते हैं सुरक्षित, इसे अपडेट कराना है सबसे मुश्किल काम

रिपोर्ट में कहा गया कि देश में 95 प्रतिशत व्यस्कों तथा 75 प्रतिशत बच्चों के पास आधार है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 26, 2019 11:08 IST
Aadhaar ubiquitous, but updating is hardest part- India TV Paisa
Photo:AADHAAR

Aadhaar ubiquitous, but updating is hardest part

नई दिल्‍ली। बायोमेट्रिक आधारित पहचान आधार को 90 प्रतिशत भारतीय सुरक्षित मानते हैं। हालांकि, लोगों का मानना है कि आधार को अपडेट कराना सबसे मुश्किल काम है। सामाजिक मसलों पर परामर्श देने वाले गैर-सरकारी संगठन डालबर्ग की एक हालिया सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

संगठन की रिपोर्ट स्टेट ऑफ आधार-2019 के सह-लेखक गौरव गुप्ता ने सर्वेक्षण के नतीजों को सामने रखते हुए कहा कि आधार को 90 प्रतिशत लोग सुरक्षित मानते हैं तथा 61 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इसके कारण उन्हें मिलने वाला लाभ कोई अन्य नहीं उठा पाता है। सर्वेक्षण में शामिल 92 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे आधार से संतुष्ट हैं।

डालबर्ग ने यह सर्वेक्षण निवेश फर्म ओमिदयार नेटवर्क इंडिया के साथ मिलकर किया है। रिपोर्ट में कहा गया कि देश में 95 प्रतिशत व्यस्कों तथा 75 प्रतिशत बच्चों के पास आधार है। उन्होंने कहा कि अभी करीब 2.8 करोड़ व्यस्कों के पास आधार नहीं है। कुल 10.2 करोड़ लोगों के पास आधार नहीं होने का अनुमान है।

असम और मेघालय में अधिकतर लोगों के पास आधार नहीं है। असम में यह आंकड़ा 90 प्रतिशत और मेघालय में 61 प्रतिशत है। देश के 30 प्रतिशत ट्रांसजेंडर तथा 27 प्रतिशत आवासहीन लोगों के पास अभी तक आधार नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने आधार को अपडेट कराना सबसे मुश्किल काम बताया है। आधार को अपडेट करने की कोशिश करने वाले प्रत्येक पांच लोगों में एक को निराशा मिली है।

आधार में दर्ज जानकारियों के बारे में महज चार प्रतिशत ही लोग हैं, जिन्होंने इसमें त्रुटि की बात स्वीकार की है। गुप्ता ने कहा कि करीब 80 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इसके कारण राशन और पेंशन जैसी सुविधाएं सरल हुई हैं। 40 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें आधार के कारण एक ही दिन में मोबाइल सिम कार्ड पाने की सहूलियत मिली है। करीब आठ प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं, जिनके लिए आधार उनका पहला पहचान पत्र रहा है।

सर्वेक्षण में शामिल करीब आधे लोगों ने माना कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अधिकतर कंपनियां मोबाइल सिम के लिए, बैंक खाता खोलने के लिए और स्कूल में बच्चों के दाखिले के लिए केवल आधार को ही पहचान के तौर पर स्वीकार करते हैं। आधार नहीं होने की वजह से 6 से 14 वर्ष की आयु के करीब 0.5 प्रतिशत बच्चों को स्कूल में दाखिला नहीं मिला है। पहचान के तौर पर आधार को हर जगह स्वीकार किए जाने को 72 प्रतिशत लोगों ने सुविधाजनक माना है। जबकि इनमें से करीब आधे लोगों ने बहुत सारी सेवाओं के साथ इसे जोड़ने पर चिंता भी व्यक्त की। आधार के साथ कई नए फीचर जैसे कि एम-आधार, क्यूआर कोड, वर्चुअल आधार और मास्क्ड आधार भी शुरू की गई हैं। लेकिन 77 प्रतिशत लोगों ने इनमें से किसी का भी उपयोग नहीं किया है।

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