नई दिल्ली। प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियां देश में रोजगार के एक बड़े क्षेत्र के रूप में उभर रही हैं। इस क्षेत्र में अब तक तकरीबन 89 लाख लोगों को रोजगार मिला है और वर्ष 2022 तक तीन लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। प्राइवेट सिक्योरिटी के क्षेत्र में पिछले कुछ समय से लगातार विस्तार हो रहा है और उद्योग की बढ़ती मांग से इसमें रोजगार बढ़ने की संभावना बनी हुई है।
हाल ही में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के सम्मेलन में सिक्योरिटी एंड इंटेलीजेंस सर्विसेस (एसआईएस) ग्रुप-4 सिक्योरिटी, एनआईएसए और एसएमएस सिक्योसिटी देश की कई सिक्योरिटी गार्ड एजेंसियों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यकारी अधिकरियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर सिक्योरिटी गार्ड एजेंसियों ने सरकार के रिकॉगनिशन ऑफ प्रायर लर्निग (आरपीएल) स्किम के तहत तीन लाख से अधिक सिक्योरिटी गार्ड को प्रशिक्षण प्रदान करने की प्रतिबद्धता जाहिर की।
फिक्की की एक विज्ञप्ति के अनुसार, सम्मेलन में 'प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्रीय : जॉब क्रिएशन एंड स्किल डेवलपमेंट' नाम से फिक्की-बीडीओ की एक रिपोर्ट जारी की गई। रिपोर्ट में प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री में कौशल विकास और रोजगार सृजन पर विचार किया गया है।
बीडीओ इंडिया के एसोएिसट पार्टनर कमोडोर गौतम नंदा ने कहा कि इस उद्योग में 89 लाख कर्मी कार्यरत हैं और 2022 तक इसमें 31 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि उद्योग का कारोबार 57,000 करोड़ रुपये है और 2022 तक यह बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपये तक होने की उम्मीद है।