Monday, December 30, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बाजार
  4. Year Ender 2024: शेयर बाजारों के लिए काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा 2024, लेकिन लगातार नौवें साल बना यह रिकॉर्ड

Year Ender 2024: शेयर बाजारों के लिए काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा 2024, लेकिन लगातार नौवें साल बना यह रिकॉर्ड

2024 लगातार नौवां साल रहा है जबकि स्थानीय शेयर बाजारों ने निवेशकों को सकारात्मक रिटर्न दिया है। वैश्विक वृहद आर्थिक आंकड़ों और भू-राजनीतिक तनाव ने बाजार को काफी प्रभावित किया, जिसकी वजह से बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिला।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Dec 29, 2024 12:44 IST, Updated : Dec 29, 2024 12:44 IST
Share Market
Photo:FILE शेयर बाजार

शेयर बाजारों के लिए 2024 का साल काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है। साल के दौरान जहां भारतीय शेयर बाजारों ने कई बार रिकॉर्ड बनाया, वहीं दूसरी ओर उसे बीच-बीच बड़े नुकसान का भी सामना करना पड़ा। हालांकि, इसके बावजूद घरेलू निवेशकों के दम पर शेयर बाजारों ने साल के दौरान निवेशकों को पॉजिटिव रिटर्न दिया है। इस साल 27 दिसंबर तक बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 6,458.81 अंक या 8.94 प्रतिशत चढ़ा है। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 2,082 अंक या 9.58 प्रतिशत का उछाल आया है। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इस साल 27 सितंबर को 85,978.25 के अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। उसी दिन निफ्टी ने भी अपने 26,277.35 अंक के सर्वकालिक उच्चस्तर को छुआ था। 

स्मॉल कैप और मिड कैप का रहा जलवा 

इस दौरान स्मॉल कैप और मिड कैप कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन बड़ी कंपनियों से बेहतर रहा। यही वजह है कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने निवेशकों को ‘लार्जकैप’ की तुलना में अधिक रिटर्न दिया है। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि हालांकि, निफ्टी और सेंसेक्स का प्रदर्शन अन्य देशों विशेषरूप से अमेरिका के बाजारों से कमजोर रहा है। इस खराब प्रदर्शन की वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की जबर्दस्त बिकवाली है। सितंबर के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर से सेंसेक्स 8.46 प्रतिशत नीचे आ चुका है। वहीं, निफ्टी रिकॉर्ड स्तर से 9.37 प्रतिशत टूट चुका है। अकेले अक्टूबर में सेंसेक्स 4,910.72 अंक या 5.82 प्रतिशत नीचे आया था। 

इसी महीने निफ्टी में 1,605.5 अंक या 6.22 प्रतिशत की गिरावट आई थी। दिसंबर में अबतक सेंसेक्स 1,103.72 अंक या 1.38 प्रतिशत नीचे आया है। अक्टूबर में एफआईआई ने भारतीय बाजारों से 94,017 करोड़ रुपये की निकासी की थी। बीते साल यानी 2023 में सेंसेक्स 11,399.52 अंक या 18.73 प्रतिशत चढ़ा था। वहीं निफ्टी 3,626.1 अंक या 20 प्रतिशत के लाभ में रहा था। 

कोविड महामारी के बाद तीसरी बड़ी गिरावट थी

मोतीलाल ओसवाल वेल्थ मैनेजमेंट ने एक नोट में कहा है कि साल की पहली छमाही में कंपनियों के मजबूत वित्तीय नतीजों, घरेलू कोषों के प्रवाह में उछाल और मजबूत वृहद परिदृश्य की वजह से निफ्टी सितंबर, 2024 में 26,277.35 अंक के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा गया था। नोट में कहा गया, पिछले दो माह में बाजार अपने सर्वकालिक उच्चस्तर से नीचे आ गया है। यह 2020 में कोविड-19 महामारी के बाद तीसरी बड़ी गिरावट थी। इसकी मुख्य वजह घरेलू और वैश्विक कारकों की वजह से विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की जबर्दस्त बिकवाली है। यह साल काफी घटनाक्रमों का रहा। साल के दौरान भारत में आम चुनाव के अलावा अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव मुख्य घटनाक्रम रहे। इसके अलावा शेयर बाजारों पर दो प्रमुख भू-राजनीतिक घटनाक्रमों। इजरायल-ईरान संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध का भी असर पड़ा। वर्ष 2024 में तेजड़ियों और मंदड़ियों के बीच काफी संघर्ष देखने को मिला। 

बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव रहा

वैश्विक वृहद आर्थिक आंकड़ों और भू-राजनीतिक तनाव ने बाजार को काफी प्रभावित किया, जिसकी वजह से बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिला। हालांकि, दुनियाभर में अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय बाजारों ने काफी हद तक दबाव के बीच अच्छा प्रदर्शन किया और निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया। मेहता इक्विटीज लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शोध-अनुसंधान विश्लेषक प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘यह मूल्यांकन में उछाल का साल भी था, जिसने भारतीय बाजारों को दुनिया में सबसे महंगा बना दिया। बाजार में अतिरिक्त तरलता ने मूल्यांकन को ऊंचाई पर पहुंचा दिया जिसकी वजह से अंतत: ‘करेक्शन’ देखने को मिला। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Market News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement