नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत 1 अप्रैल यानी सोमवार से हो रही है। वित्त वर्ष के पहले दिन भारतीय शेयर बाजार भी खुलेंगे। ऐसे में क्या बाजार में तेजी जार रहेगी या गिरावट लौटेगी? FY 2024 के आखिरी कारोबारी दिन बाजार तेज उछाल के साथ बंद हुआ था। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि यह उम्मीद है कि बाजार में 2023-24 में जो तेजी रही, वह आगे भी जारी रहेगी। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स आज समाप्त हो रहे वित्त वर्ष 2023-24 में 14,659.83 अंक यानी 24.85 प्रतिशत की बढ़त में रहा। सात मार्च को यह अब तक के उच्चतम स्तर 74,245.17 अंक पर पहुंच गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 4,967.15 अंक यानी 28.61 प्रतिशत मजबूत हुआ।
ये फैक्टर डालेंगे बाजार पर असर
भारतीय रिजर्व बैंक के ब्याज दर के बारे में निर्णय, वाहन बिक्री, पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) जैसे वृहत आर्थिक आंकड़े और वैश्विक रुख इस सप्ताह बाजार को दिशा देंगे।विश्लेषकों ने यह कहा है। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियां, रुपया-डॉलर रुख और वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव भी शेयर बाजार में कारोबार को प्रभावित करेगा।
स्वास्तिक इनवेस्टमार्ट लि. के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा, ‘‘आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक तीन अप्रैल से शुरू होगी। बैठक में नीतिगत दर पर विचार-विमर्श और अर्थव्यवस्था की स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा। पांच अप्रैल को मौद्रिक समीक्षा की घोषणा की जाएगी। इसका असर दिखेगा। इसके अलावा, एक अप्रैल को ऑटो सेल्स डेटा आने के साथ इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशकों की नजर होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, लोगों की नजर डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी। वे विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) निवेश पर भी नजर रखेंगे।’’
फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के भाषण पर रहेगी नजर
प्रवेश गौर ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल का भाषण तीन अप्रैल, 2024 को निर्धारित है और मार्च के लिए यूएस आईएसएम विनिर्माण पीएमआई जैसे आंकड़े एक अप्रैल को घोषित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन चीजों पर निवेशकों की बारीक नजर होगी, क्योंकि उनमें बाजार की धारणा को प्रभावित करने की क्षमता है। बाजार में तेजी के साथ बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (m-Cap) वित्त वर्ष 2023-24 में 1,28,77,203.77 करोड़ रुपये बढ़कर 3,86,97,099.77 करोड़ रुपये हो गया।
ये फैक्टर तय करेंगे बाजार की चाल
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लि.के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविन्दर सिंह नन्दा ने कहा, ‘‘बाजार का रुख प्रमुख वैश्विक और घरेलू आर्थिक आंकड़ों से तय होगा। इसमें देश में वाहन बिक्री आंकड़े, अमेरिका और भारत के विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई), अमेरिका में नौकरी के आंकड़े, कारखाने के ऑर्डर आदि शामिल हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक तीन अप्रैल को शुरू होगी और पांच अप्रैल को मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा की जाएगा। मौद्रिक नीति वक्तव्य अर्थव्यवस्था, मुद्रास्फीति और ब्याज दरों पर महत्वपूर्ण संकेत प्रदान करेगा।’’
बढ़त के साथ बंद हुआ था बाजार
पिछले सप्ताह, बीएसई सेंसेक्स 819.41 अंक यानी 1.12 प्रतिशत चढ़ा जबकि और नेशनल स्टॉक एक्सचें का निफ्टी 230.15 अंक या 1.04 प्रतिशत बढ़ गया। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि.के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, ‘‘मौद्रिक नीति समिति की बैठक को देखते हुए हमारा अनुमान है कि इस सप्ताह भी बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। वैश्विक मोर्चे पर निवेशकों की नजर अमेरिकी बाजार की गतिविधियों पर होगी।’’