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लोकसभा चुनाव के दौरान शेयर बाजार में क्यों होती है उथल-पुथल? Election आंकड़ों से मिला जवाब

लोकसभा चुनाव 2019 सात चरणों में संपन्न हुआ था। पहले चरण की वोटिंग 11 अप्रैल को हुई थी जबकि सातवें चरण की वोटिंग 19 मई को हुई थी। 23 मई को इसके नतीजे घोषित हुए थे। चुनाव शुरू होने से पहले बाजार में बड़ी तेजी देखी गई।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: May 12, 2024 13:48 IST
Share Market and Election - India TV Paisa
Photo:FILE शेयर बाजार और चुनाव

लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) और शेयर बाजार का आपस में गहरा नाता है। जैसे ही चुनावों का ऐलान होता है तो बाजार में इसे लेकर प्रतिक्रिया देखने को मिलती है, जिसके कारण उतार-चढ़ाव आता है। इस साल भी कुछ ऐसा ही है। बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। इससे बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं, घरेलू निवेशक बाजार को सहारा दे रहे हैं। हालांकि, डर का माहौल बाजार में छाया हुआ है। अगर आप भी बाजार निवेशक हैं तो यह जान लें कि जब भी लोकसभा का चुनाव हुआ है, उस दौरान बाजार में ऐसा ही नजारा रहा है। पिछले कुछ चुनावों में बाजार की चाल से समझते हैं कि आगे मार्केट का मूड कैसा रहने वाला है। 

2014 में चुनाव से पहले उछाल देखने को मिला था 

वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव 7 अप्रैल से 12 मई के बीच नौ चरणों में संपन्न हुआ था और इसके नतीजे 16 मई को आए थे। चुनाव शुरू होने से पहले बाजार (Share Market) में बड़ा उछाल देखा गया था। निफ्टी 10 फरवरी को 6,041 अंक पर था, जो 7 अप्रैल तक 6,776 अंक पर पहुंच गया। इस दौरान सेंसेक्स 20,414 अंक से बढ़कर 22,628 अंक पर पहुंच गया। अगले तीन सप्ताह में 7 अप्रैल से 28 अप्रैल तक निफ्टी ने 200 अंक और सेंसेक्स ने 500 अंक के सीमित दायरे में रहा। बाजार में 28 अप्रैल से लेकर 19 मई तक एक बार फिर बड़ी तेजी देखी गई। निफ्टी 7,367 अंक पर पहुंच गया। इस दौरान सेंसेक्स भी 24,693 अंक तक पहुंच गया।

2019 में चुनाव के बाद बाजार लुढ़का था

लोकसभा चुनाव 2019 सात चरणों में संपन्न हुआ था। पहले चरण की वोटिंग 11 अप्रैल को हुई थी जबकि सातवें चरण की वोटिंग 19 मई को हुई थी। 23 मई को इसके नतीजे घोषित हुए थे। चुनाव शुरू होने से पहले बाजार में बड़ी तेजी देखी गई। निफ्टी 18 फरवरी के 10,738 अंक से बढ़कर 15 अप्रैल को 11,752 अंक पर पहुंच गया। सेंसेक्स भी इसी अवधि में 35,820 अंक से बढ़कर 39,140 अंक पर पहुंच गया। 

वोटिंग के दौरान अगले तीन सप्ताह 15 अप्रैल से 6 मई तक बाजार में गिरावट देखने को मिली। इस दौरान निफ्टी गिरकर 11,278 अंक और सेंसेक्स 37,462 अंक पर आ गया। लेकिनअगले तीन सप्ताह यानी 27 मई तक बाजार में फिर तेजी लौटी, जिसके कारण निफ्टी 11,922 अंक और सेंसेक्स 39,714 अंक पर आ गया।

India vix में उछाल देखने को मिला

लोकसभा चुनावों के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव दर्शाने वाले India vix में काफी बढ़ोतरी देखने को मिलती है। वर्ष 2014 में इंडिया विक्स चुनाव से 22 दिन पहले बढ़ना शुरू हो गया था। वहीं, 2019 में इसमें 35 दिन पहले यह ट्रेंड देखा गया। इस बार भी इंडिया विक्स में काफी तेजी है। यह 18.47 पर पहुंच गया है। इंडिय विक्स का बढ़ने पता चलता है कि बाजार में वोलैटिलिटी देखने को मिलेगी। इस साल 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में मतदान हो रहा है। इसके नतीजे चार जून को आएंगे।

चुनाव शुरू होने से पहले तेजी थी 

चुनाव से पहले इस साल भी बाजार में शुरुआती तेजी देखने को मिली। निफ्टी 20 मार्च के 21,839 अंक के स्तर पर था, जो 10 अप्रैल को 22,753 अंक पर पहुंच गया। इसी दौरान सेंसेक्स 72,101 अंक बढ़कर 75,038 अंक हो गया। इसके बाद बाजार में गिरावट आई और 18 अप्रैल तक निफ्टी और सेंसेक्स फिसलकर क्रमश: 21,995 अंक और 72,488 अंक पर आ गया। तब से निफ्टी 22,750 अंक से 22,800 अंक के बीच और सेंसेक्स 72,000 अंक से लेकर 75,100 अंक के स्तर के बीच कारोबार कर रहा है।

इनपुट: आईएएनएस

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