क्या आम चुनाव के रिजल्ट आने के पहले विदेशी निवेशक सतर्क या डर गए हैं? ऐसा इसलिए कि वो भारतीय बाजार से अपना पैसा तेजी से निकाल रहे हैं। आपको बता दूं कि शेयर बाजारों में उच्च मूल्यांकन और आम चुनावों के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) ने इस महीने के पहले सप्ताह में बाजार से 325 करोड़ रुपये निकाले। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में 35,000 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का निवेश करने के बाद एफपीआई ने शुद्ध निकासी की है।
आगे भी पैसा निकाल सकते हैं FPI
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका में 10-वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल बढ़कर 4.4 प्रतिशत हो गया है, जिससे निकट अवधि में भारत में एफपीआई निवेश प्रभावित होगा। यानी वो भारतीय बाजार से पैसा निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि उच्च अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल के बावजूद एफपीआई की बिक्री सीमित रहेगी, क्योंकि भारतीय शेयर बाजार में तेजी है और यह लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है। कैपिटलमाइंड के वरिष्ठ शोध विश्लेषक कृष्णा अप्पाला ने कहा कि आम चुनाव के बाद या अमेरिकी फेडरल रिजर्व से ब्याज दर में कटौती के शुरुआती संकेत मिलने पर एफपीआई वापस लौट सकते हैं।
2023-24 में दो लाख करोड़ से अधिक डाले थे
आपको बता दें कि चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल के बीच देश की मजबूत आर्थिक बुनियाद के चलते विदेशी निवेशकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय शेयर बाजार में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था। मार्केट एक्सपर्ट के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय इक्विटी बाजारों में लगभग 2.08 लाख करोड़ रुपये और ऋण या बॉन्ड बाजार में 1.2 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। उन्होंने कुल मिलाकर पूंजी बाजार में 3.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया। पिछले दो वित्त वर्षों में शेयरों से शुद्ध निकासी के बाद यह जोरदार वापसी देखने को मिली थी। वित्त वर्ष 2022-23 में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार से शुद्ध रूप से 37,632 करोड़ रुपये निकाले थे।