पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट रही। सेंसेक्स 4000 अंक से अधिक लुढ़क गया। इस बड़ी गिरावट से निवेशकों के करीब 18 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं। बाजार में इतनी बड़ी गिरावट से छोटे निवेशक परेशान हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि आगे बाजार में क्या होने वाला है। अगर आप भी स्टॉक में पैसा लगाते हैं तो सोमवार से बाजार की गतिविधि को लेकर चिंतित जरूर होंगे। आइए जानते हैं कि सोमवार से भारतीय शेयर बाजार की चाल कैसी रह सकती है। बाजार की चाल को लेकर क्या कहते हैं शेयर मार्केट एक्सपर्ट?
FPI पर बहुत कुछ निर्भर करेगा
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि सोमवार से भारतीय शेयर बाजार की चाल विदेशी निवेशकों की गतिविधियों पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। अगर वो बाजार से पैसा निकालना जारी रखते हैं तो बाजार में और गिरावट देखने को मिलेगी। वहीं, बिकवाली थमने पर बाजार में स्थिरता आ सकती है। इस कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह में घरेलू मोर्चे पर कोई प्रमुख घटनाक्रम नहीं है। ऐसे में बाजार भागीदारों की निगाह वैश्विक संकेतकों पर रहेगी। ‘क्रिसमस’ के मौके पर बुधवार को शेयर बाजार बंद रहेंगे। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि.के वरिष्ठ शोध विश्लेषक प्रवेश गौड़ ने कहा, ‘‘आगे की ओर देखें, तो घरेलू मोर्चे पर किसी बड़े संकेतक का अभाव है। हालांकि, कुछ वैश्विक संकेतक बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसमें अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल, डॉलर इंडेक्स का प्रदर्शन, बेरोजगारी दावे और नए घरों की बिक्री के आंकड़े शामिल हैं।’’
रुपया कमजोर होने का भी बाजार पर असर
गौड़ ने कहा, ‘‘बाजार में उतार-चढ़ाव का सिलसिला चल रहा है। साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार बिकवाल बने हुए हैं। ऐसे में निवेशकों द्वारा सतर्क रुख अपनाए जाने की उम्मीद है। हालिया कमजोरी के रुख के बावजूद बाजार का दृष्टिकोण सतर्क रूप से आशावादी बना हुआ है। हालांकि, एफआईआई की लगातार बिकवाली ने बाजार पर दबाव बढ़ा दिया है।’’ पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 4,091.53 अंक या 4.98 प्रतिशत नीचे आया, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 1,180.8 अंक या 4.76 प्रतिशत के नुकसान में रहा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘एफआईआई का रुख अचानक से लिवाल से बिकवाल का हो गया, जिससे बाजार प्रभावित हुआ है।’’ विश्लेषकों ने कहा कि रुपये-डॉलर का रुख और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम भी बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि.के वरिष्ठ उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘यह सप्ताह कम कारोबारी सत्रों का रहेगा।
कमजोरी बने रहने की संभावना
बाजार भागीदारों की निगाह एफआईआई के प्रवाह और वैश्विक बाजारों के प्रदर्शन पर रहेगी।’’ मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख-शोध, संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि भारतीय बाजार में कमजोरी बने रहने की संभावना है। उतार-चढ़ाव के बीच बाजार भागीदारों की निगाह वैश्विक संकेतकों पर रहेगी। उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन आ रहा है और वैश्विक बाजारों में दो-तीन दिन अवकाश रहेगा। ऐसे में स्थानीय बाजार में भी गतिविधियां सुस्त रहेंगी।