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Share Market Outlook : पैसों के भर लें बैग, शेयर बाजार में अगली गिरावट लाएगी बड़ी तबाही! अमीर बनने का मौका

Share Market Outlook : दिग्गज अमेरिकी निवेशक जिम रोजर्स का कहना है कि शेयर बाजार में अगली बिकवाली भयंकर होगी। यह उनके जीवन की सबसे बड़ी बिकवाली होगी। इसलिए वे नकदी जुटाकर बैठे हुए हैं।

Written By: Pawan Jayaswal
Updated on: August 06, 2024 16:58 IST
शेयर मार्केट आउटलुक- India TV Paisa
Photo:FILE शेयर मार्केट आउटलुक

Share Market Outlook : सोमवार को बाजार में आई भारी गिरावट के बाद अमेरिका के दिग्गज निवेशक जिम रोजर्स (Jim Rogers) ने कहा है कि उन्होंने बहुत अधिक नकदी जुटाई हुई है, क्योंकि अगली मंदी बहुत बुरी होगी। ऐसे में उस मंदी में वे निवेश करके अच्छा पैसा बनाएंगे। रोजर्स ने कहा, "अमेरिका और दुनिया की दहलीज पर काफी समय से एक बड़ी समस्या खड़ी हुई है। मेरे पास बहुत सारी नकदी है, क्योंकि मुझे उम्मीद है कि अगली बिकवाली मेरे जीवन की सबसे बुरी होगी, क्योंकि हर जगह कर्ज बहुत बढ़ गया है। भारत में भी अब कर्ज है। इसलिए, आपको चिंतित होना चाहिए। मैं चिंतित हूं। मैं इस गिरावट का इंतजार कर रहा हूं, क्योंकि मुझे पता है कि यह बहुत बुरा होने वाला है। शायद यह आ गया है। मुझे नहीं पता।"

पोर्टफोलियो में कैश बढ़ाएं निवेशक

ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जब उनसे पूछा गया कि क्या निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में नकदी बढ़ाने पर विचार करना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि हां उन्हें अधिक नकदी रखना चाहिए। उन्होंने कहा, "हर जगह इतने लंबे समय से चीजें इतनी अच्छी रही हैं। इतिहास में हमेशा जब हर कोई बहुत पैसा कमा रहा होता है, तो यह चिंता का समय होता है। इसलिए, मैं चिंतित हूं।" उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कुछ खरीदना होता, तो वे चांदी खरीदते।

वॉरेन बफेट ने जुटा ली खूब सारी नकदी

पिछले हफ्ते ही खबर आई थी कि बर्कशायर हैथवे के वॉरेन बफेट (Warren Buffett ) के पास नकदी की होल्डिंग लगभग 277 बिलियन डॉलर हो गई है, क्योंकि उन्होंने Apple में अपनी हिस्सेदारी का लगभग आधा हिस्सा बेच दिया था। नकदी हिस्सेदारी 30 जून तक बढ़कर 276.9 बिलियन डॉलर हो गई, जो तीन महीने पहले 189 बिलियन डॉलर थी। इसका मुख्य कारण यह था कि बर्कशायर ने 75.5 बिलियन डॉलर के शेयरों की शुद्ध बिक्री की। यह लगातार सातवीं तिमाही थी, जब बर्कशायर ने खरीदे गए शेयरों की तुलना में अधिक शेयर बेचे। अमेरिका में निराशाजनक जॉब डेटा और येन में तेजी के बाद अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंकाएं पैदा हुईं, जिसे लेकर पुरी दुनिया के निवेशक चिंतित हैं।

भारतीय बााजार भी नहीं रहेगा अछूता

एस क्यूब कैपिटल के सह-संस्थापक और सीआईओ हेमंत मिश्र ने कहा, "मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ रहा है। ईरान-इजराइल युद्ध पर आमादा हैं। इसके सभी जोखिम वाली परिसंपत्तियों पर असर पड़ेगा, जिसमें ईएम भी शामिल है, जब तक कि केंद्रीय बैंक रूट को रोकने के लिए कदम नहीं उठाते हैं। भारतीय बाजार, हालांकि फंडामेंटली मजबूत हैं, लेकिन अलग-थलग नहीं रहेंगे, क्योंकि निवेशक अपने वैश्विक नुकसान के लिए फंड जुटाने के लिए प्रोफिटबुकिंग करना चाहेंगे।"

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