Highlights
- ओमिक्रॉन या कोरोना के बढ़ते ग्राफ को बाजार विशेषज्ञ बड़ा खतरा नहीं मानते
- बाजार में पहले ही ओमिक्रॉन को लेकर करेक्शन आ चुका है
- निवेशकों को कंपनी के फंडामेंटल को ध्यान में रखकर लंबे समय के लिए निवेश करना चाहिए
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजारों में बीते एक महीने से उठापटक का दौर जारी है। दुनिया भर में जारी ओमिक्रॉन के खतरे से जहां दिसंबर में बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली, वहीं जनवरी में निवेशकों ने लगातार कई दिन बाजार को चढ़ते देखा। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बाजार की तेजी निवेशकों को हैरान कर रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि शेयर बाजार में इस समय निवेश किया जाए या नहीं।
हालांकि, ओमिक्रॉन या कोरोन के बढ़ते ग्राफ को बाजार विशेषज्ञ बड़ा खतरा नहीं मानते। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में पहले ही ओमिक्रॉन को लेकर करेक्शन आ चुका है। बाजार अब समझ चुका है कि 2020 की तरह अब देश कोरोना लॉकडाउन का सामना नहीं करेगा। फिर भी एक्सपर्ट निवेशकों से सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। आइए जानते हैं कि निवेश की रणनीति बनाने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना होगा।
मजबूत शेयरों में निवेश करें
शेयर बाजार के जानकार कह रहे हैं कि इस समय निवेशकों को कंपनी के फंडामेंटल और उसके प्रदर्शन को ध्यान में रखकर लंबे समय के लिए निवेश की रणनीति अपनानी चाहिए। स्मॉलकैप कंपनियों में निवेश करना इस समय जोखिम भरा हो सकता है। कंपनियों के रिजल्ट का दौर भी शुरू हो रहा है। ऐसे में तिमाही नतीजे भी आपकी निवेश की रणनीति में मदद कर सकते हैं।
लॉन्ग टर्म की बनाएं स्ट्रैटजी
मार्केट एक्सपर्ट हर्ष रूंगटा के अनुसार निवेशकों को इस दौर में लॉन्ग टर्म के लिए स्ट्रैटजी बनानी चाहिए। इस दौरान निफ्टी और बीएसई में मौजूद दिग्गज कंपनियों पर लंबी अवधि के लिए दांव खेला जा सकता है। मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों में आपको मौजूदा उतार चढ़ाव से भले ही तात्कालिक रूप से थोड़ा नुकसान भले ही हो, लेकिन लंबी अवधि में ये शेयर आपको फायदा पहुंचा सकते हैं।
इन सेक्टर्स पर करें फोकस
शेयर बाजार में निवेश के लिए आपको कुछ सेक्टर्स पर नजर रखनी होगी। बीते एक साल की बात करें तो आईटी, टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने बाजार के अन्य सेक्टर्स के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। आईटी और टेक्नोलॉजी के सेक्टर ने 2021 में औसतन 67 फीसदी का रिटर्न दिया है।
तिमाही नतीजों पर रखें नजर
जियोजित बीएनपी पारिबा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने इंडिया टीवी को बताया कि आने वाले दिनों में बाजार की दिशा तय करने में कंपनियों के तिमाही परिणाम की भूमिका अहम होगी। चौथी तिमाही परिणाम आने शुरू हो गए हैं। कंपनियों के प्रदर्शन के आधार पर बाजार की चाल प्रभावित होगी। जिस सेक्टर की कंपनियों का परिणाम बेहतर आएगा उसमें तेजी देखने को मिल सकती है।
छोटी अवधि में आम बजट और चुनावों का होगा असर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश करेंगी। इस बजट में कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उठाए गए कदमों पर बाजार की नजर रहेगी। इसके साथ ही निवेश का माहौल बेहतर बनाने को लेकर जो घाषणाएं होंगी उसको भी बाजार देखेगा। दूसरी ओर पांच राज्यों में चुनाव हैं। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड का केंद्र की सरकार में अहम रोल होता है। ऐसे में इन राज्यों में आने वाले चुनाव परिणाम शेयर बाजार को बड़े स्तर पर प्रभावित कर सकते हैं।