भारी वित्तीय संकट का सामना करने वाली टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) को बुधवार को जोरदार झटका लगा। कंपनी का शेयर 14 प्रतिशत लुढ़क गया। ऐसा तब हुआ जब कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर यानी निदेशक मंडल ने एक दिन पहले ही 45,000 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। कंपनी की यह कोशिश भी निवेशकों का भरोसा नहीं जगा सकी और निवेशकों ने जमकर बिकवाली की। इसका नुकसान यह हुआ कि कंपनी का बाजार मूल्यांकन 10,806.71 करोड़ रुपये गिरकर 66,447.95 करोड़ रुपये रह गया।
वोडाफोन आइडिया का शेयर
खबर के मुताबिक, 45,000 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव में भी 20,000 करोड़ रुपये प्रमोटर और दूसरे निवेशकों से इक्विटी के रूप में जुटाई जाने हैं जबकि बाकी राशि कर्ज के रूप में जुटाई जाएगी। लेकिन निवेशकों के बीच कंपनी नेतृत्व का यह कदम भी भरोसा जगा पाने में नाकाम रहा। बीएसई पर वोडाफोन आइडिया का शेयर 13.99 प्रतिशत गिरकर 13.65 रुपये पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 14.93 प्रतिशत गिरकर 13.50 रुपये पर आ गया था। इसी तरह, एनएसई पर यह 13.88 प्रतिशत गिरकर 13.65 रुपये पर बंद हुआ।
2.1 लाख करोड़ रुपये का भारी-भरकम कर्ज
बुधवार को कारोबार के दौरान कंपनी का शेयर 14.82 प्रतिशत तक गिरकर अपनी निचली सर्किट सीमा 13.50 रुपये पर आ गया था। कर्ज में डूबी वीआईएल पर 2.1 लाख करोड़ रुपये का भारी-भरकम कर्ज है और वह लगातार तिमाही घाटा भी उठा रही है। साथ ही कंपनी का कस्टमर बेस भी कमजोर हो रहा है। बड़ी संख्या में ग्राहक वोडाफोन आइडिया से मुंह मोड़ रहे हैं। वह दूसरी टेलीकॉम कंपनियों पर अपना नंबर पोर्ट करा रहे हैं। साल 2022 में बाकी टेलीकॉम कंपनियों के साथ-साथ वोडाफोन आइडिया ने भी 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में हिस्सा लिया था, लेकिन कंपनी अब तक 5G सर्विस शुरू नहीं कर पाई है। इसके पीछे बड़ी वजह वित्तीय संकट ही है।