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Infosys के शेयर में आई गिरावट से हिल गया ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक का परिवार, अक्षता मूर्ति को हुआ करोड़ों का नुकसान

Akshata Murthy Loss: Infosys के शेयर में आई गिरावट ने निवेशकों को काफी नुकसान कराया है। ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक की पत्नि को भी घाटा उठाना पड़ा है।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: April 18, 2023 15:10 IST
Infosys Akshata Murthy suffers loss of crores rupees- India TV Paisa
Photo:INDIA TV Infosys के शेयर में आई गिरावट से अक्षता मूर्ति को घाटा

UK PM Rishi Sunaks Family Loss Infosys: कल इंफोसिस के शेयर में लगभग 10% से अधिक की गिरावट देखी गई थी। यह असर कंपनी के सीईओ सलिल पारेख के एक बयान के चलते देखा गया। उन्होनें कहा था कि वर्तमान में अधिग्रहण और विलय के क्षेत्र में अच्छा माहौल है। इसलिए हम विलय के बारे में सोच सकते हैं। उनके इस बयान से 16 अप्रैल को ही शेयर मार्केट के एक्सपर्ट ने अंदाजा लगा दिया था कि 17 अप्रैल को जब बाजार खुलेगा तब स्टॉक मार्केट में इस कंपनी के शेयर में जोरदार गिरावट देखी जाएगी। वही हुआ। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका असर सिर्फ भारतीय निवेशकों को ही नहीं हुआ, बल्कि ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक की पत्नि भी इसके चपेट में आ गईं। इस जोरदार गिरावट से अक्षता मूर्ति को 500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का नुकसान हुआ। बता दें कि अक्षता मूर्ति इंफोसिस की को-फाउंडर हैं। इनके पास कंपनी में 0.94% की हिस्सेदारी है। कंपनी की कुल वैल्यूएशन के हिसाब से कैलकुलेट करें तो 0.94% 4,000 करोड़ रुपये के आस-पास होगा। 

क्या हुआ था कल?

बाजार खुलते ही 600 अंक नीचे आ गिरा तो इंफोसिस का शेयर 11.39% की गिरावट के साथ 1,231 पर चला गया। इस आईटी कंपनी के शेयर में लगातार लोअर सर्किट लग रहा था। कंपनी के शेयर में जोरदार बिकवाली देखी जाने लगी। जब सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर बाजार खुला था तब इस कंपनी के एक शेयर की कीमत 1250.30 रुपये थी। कहा जाता है कि इन कंपनियों के शेयर मार्केट को दिशा देने का काम करते हैं। जब इनमें कुछ गड़बड़ होती है तो उससे पूरे शेयर बाजार पर असर पड़ता है। हाल ही में हमने अडानी मामले में ऐसा देखा था। जब अडानी ग्रुप के शेयर नीचे गिरने लगे थे तब पूरे शेयर बाजार उससे प्रभावित हो गया था। 

क्या कहा था सीईओ ने?

सूचना आईटी कंपनी मजबूत रणनीतिक और सांस्कृतिक प्रस्ताव देने वाली कंपनियों पर विचार करेगी। पारेख ने कहा कि इंफोसिस जहां अधिग्रहण के लिए अच्छे प्रस्तावों पर हमेशा तैयार रहती है, वहीं ऐसे प्रस्ताव तलाश करने के लिए यह अच्छा माहौल है, जिसमें विलय की संभावना देखी जा सके। इंफोसिस के शीर्ष अधिकारी ने मार्च 2023 तिमाही के परिणामों की घोषणा करते हुए कहा कि यह एक अच्छा माहौल है। हमारे पास बहुत अच्छे आंकड़े हैं। अगर हमें कोई कंपनी या इकाई मिलती है, जो रणनीतिक के साथ सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त लगती हो तो हम उस पर विचार करेंगे। वह एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे कि क्या अमेरिका का कमजोर व्यापक माहौल और वैश्विक अस्थिरता विलय और अधिग्रहण के क्षेत्र में लाभदायक माहौल दे रहा है। इंफोसिस ने इसी सप्ताह मार्च, 2023 तिमाही परिणाम जारी किए हैं। मार्च तिमाही में कंपनी के शुद्ध लाभ में अपेक्षा से कम वृद्धि हुई है। इसके बाद कंपनी ने अमेरिका के बैंकिंग बाजार में डांवाडोल स्थिति के बाद वित्त वर्ष 2023-24 के लिए चार-सात प्रतिशत का राजस्व वृद्धि अनुमान जारी किया है। भारत की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवाप्रदाता कंपनी ने जनवरी-मार्च तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत वृद्धि के साथ 6,128 करोड़ रुपये दर्ज किया। इससे पिछली अक्टूबर-दिसंबर तिमाही से लाभ में सात प्रतिशत की गिरावट आई है।

आर्थिक अस्थिरता का माहौल

वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ उम्मीद से कम 7.8 प्रतिशत बढ़कर 6,128 करोड़ रुपये रहा है। वैश्विक व्यापक-आर्थिक अस्थिरता के माहौल के बीच इसने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए चार-सात प्रतिशत राजस्व वृद्धि का अनुमान लगाया है। शीर्ष प्रबंधन ने माहौल के अभी भी अनिश्चित रहने की चेतावनी दी है। देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता फर्म टीसीएस ने जनवरी-मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ 14.8 प्रतिशत वृद्धि के साथ 11,392 करोड़ रुपये हासिल किया। बेंगलुरु की कंपनी इंफोसिस का आलोच्य अवधि में एकीकृत आय 16 प्रतिशत बढ़कर 37,441 करोड़ रुपये रही। इंफोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक सलिल पारेख ने बयान में कहा कि हमें अपने ग्राहकों की तरफ से दक्षता और लागत में सुधार तथा एकीकरण को लेकर मजबूत रुझान देखने को मिल रहा है। लिहाजा कई सौदे पाइपलाइन में हैं। बोर्ड ने 2022-23 वित्त वर्ष के लिए अंतिम लाभांश 17.50 रुपये प्रति इक्विटी शेयर की सिफारिश की है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कंपनी का शुद्ध लाभ नौ प्रतिशत बढ़कर 24,095 करोड़ रुपये रहा। वहीं राजस्व 20.7 प्रतिशत बढ़कर 1,46,767 करोड़ रुपये रहा। इंफोसिस में मार्च तिमाही के अंत में कुल 3,43,234 कर्मचारी थे, जो इससे पिछली तिमाही के मुकाबले 3,611 कम हैं।

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