Highlights
- कंपनी की बाजार हिस्सेदारी गिरने पर उसके शेयर से पैसा निकालें
- कभी भी लालच में आकर किसी शेयर में नहीं बने रहें
- निगेटिव न्यूज आने के बाद शेयर में गिरावट जरूर आती है
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद छोटी बचत योजनाओं समेत Bank FD पर ब्याज घटने से निवेशकों का रुझान तेजी से शेयर बाजार की ओर बढ़ा है। हालांकि, सही जानकारी के अभाव में बहुत सारे निवेशकों को नुकसान भी उठाना पड़ा है। ऐसे में अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं या करने की तैयारी कर रहे हैं तो आपके लिए सिर्फ सही शेयर का चुनाव करना ही जरूरी है। आपके लिए यह भी जनाना है कि कब किसी शेयर को बेचकर पैसा निकालना चाहिए। हम आपको बता रहे हैं कि किसी शेयर को बेचने का सही समय क्या होता है और कैसे लें यह फैसला।
अगर कंपनी कर रही लगातार खराब प्रदर्शन
आपने जिस कंपनी के शेयर में निवेश किया है और उसका प्रदर्शन तीन से चार तिमाही के दौरान लगातार खराब हुआ है तो आप उस कंपनी के शेयर से निकलने के लिए इंतजार नहीं करें। हो सकता है कि आने वाले समय में कंपनी की वित्तीय स्थिति और खराब हो जाए। ऐसे में थोड़ा नुकसान लेकर शेयर से पैसा निकलाना ही बेहतर होगा। आप जितनी देरी करेंगे आपको अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
कंपनी पर कर्ज बढ़ रहा हो
अगर आपके पोर्टफोलियो में शामिल किसी कंपनी पर कर्ज का बोझ तेजी से बढ़ रहा हो तो यह खतरे का संकेत है। कर्ज बढ़ने का मतलब है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति कमजोर हो रही है और बाजार हिस्सेदारी गिर रही है। यानी उसके प्रतियोगी कंपनी उससे बेहतर उत्पाद कम कीमत पर उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे में उस कंपनी के शेयर से पैसा निकालने का फैसला करना ही सही होगा। इसके साथ ही अगर कंपनी का प्रबंधन एक झटके में बदल दिया गया है तो यह भी अच्छी खबर नहीं मानी जाएगी। इस तरह की किसी कंपनी में बने रहना नुकसान दे सकता है।
ट्रेडिंग वॉल्यूम में एकदम से गिरावट
अगर कोई शेयर अचानक पहले की तुलना में बहुत कम वॉल्यूम पर ट्रेड करने लगे, तो यह खतरे का संकेत हो सकता है। स्टॉक लिक्विडिटी इस बात का संकेत देता है कि इस शेयर को लेकर कितने निवेशकों का रुझान है। अगर, अचानक से वॉल्यूम कम हुआ है तो कुछ न कुछ कारण होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि एकदम से ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट आने वाले शेयर से निवेशकों को समय रहते पैसा निकाल लेना चाहिए।
स्टॉक आपके टागरेट प्राइस छू ले
अगर आपने जिस स्टॉक में निवेश किया है वह तेजी से बढ़कर आपके टारगेट प्राइस को छू लेता है तो उसे आप बेचने का फैसला कर सकते हैं। हमेशा एक शेयर में निवेश से पहले अपना टारगेट प्राइस सेट करना चाहिए। यानी मुझे इस शेयर से इतने फीसदी का रिटर्न चाहिए। अगर वह मिल जाए तो उससे बाहर निकल जाना चाहिए। इससे आप लालच में नहीं फंसेंगे और बेहतर रिटर्न भी प्राप्त कर पाएंगे। कई दफा कोई शेयर तेजी से चलता है और निवेशकों को लगता है कि यह और चलेगा लेकिन बाद में उसमें लोअर सर्किट लगना शुरू हो जाता है। ऐसे हालात में निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है। इससे बचने के लिए टारगेट प्राइस आते ही शेयर को बेच देना चाहिए।
शेयर में लगातार बिकवाली
कई दफा आपके पोर्टफोलियो में शामिल अगर कोई स्टॉक लगातार टूटकर नीचे जा रहा है तो ऐसे शेयर को बिना समय गवाएं बेच देना चाहिए। अगर, आप तेजी लौटने का इंतजार करेंगे तो सकता है कि और नुकसान उठाना पड़े। किसी शेयर में लगातार गिरावट इस बात संकेत होता है कि उस कंपनी में कोई न कोई समस्या है।
कंपनी को लेकर निगेटिव न्यूज
अगर आपने किसी कंपनी के शेयर में निवेश किया हुआ है और उस कंपनी को लेकर कोई बड़ा निगेटिव न्यूज आ जाए तो उसके शेयर को बेचना फायदेमेंद रहेगा। निगेटिव न्यूज आने के बाद शेयर में गिरावट तय है। अगर, न्यूज बहुत ही बुरा है तो बड़ी गिरावट आ सकती है।