Highlights
- कंपनी की कुल शुद्ध लाभ और उसके शेयरों की संख्या से विभाजित करके ईपीएस हासिल किया जा सकता है
- आरओई रेश्यो आपको बताता हैं की कंपनी अपने इक्विटी पर कितना पैसा या रिटर्न बना रही है
- किसी शेयर का चुनाव करते समय उस कंपनी के पिछले 5 सालों के डिविडेंड भुगतान का रिकॉर्ड जरूर देखें
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच शेयर बाजार ने बीते दो साल में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। इसके चलते डीमैट खातों की संख्या दो करोड़ से बढ़कर 7.5 करोड़ से अधिक हो गई है। ऐसे में अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं और सही स्टॉक का चुनाव नहीं करने के कारण नुकसान में है तो हम आपको सही शेयर के चुनाव के लिए 11 टिप्स दे रहे हैं। इनको फॉलो कर आप न सिर्फ अपना जोखिम कम कर पाएंगे बल्कि 100% से 500% तक का तगड़ा रिटर्न वाले शेयर का चुनाव भी आसानी से कर पाएंगे।
1. निवेश से पहले EPS के गणित को समझें
EPS का मतलब होता है कि कंपनी के नेट प्रॉफिट में से कंपनी के प्रत्येक शेयर का हिस्सा। EPS का सीधा संबंध कंपनी के लाभ से होता है। अगर EPS अच्छा है तो इसका मतलब है कि कंपनी अच्छा मुनाफा कमा रही है। आप EPS को वार्षिक या मासिक आधार पर जरूर देंखे। इसका कलकुलेशन बहुत ही आसान है। कंपनी की कुल शुद्ध लाभ और उसके शेयरों की संख्या से विभाजित करके ईपीएस हासिल किया जा सकता है।
2. P/E Ratio देखना कभी भी न भूलें
P/E यानी Price to Earning Ratio। इस रेश्यो को कंपनी के 1 शेयर की मार्केट कीमत में EPS का भाग देकर निकाला जाता है। अगर किसी कंपनी का EPS 10 रुपयेे प्रति शेयर हैं। अगर कंपनी के शेयर का भाव 200 रुपये है तो कंपनी का P/E Ratio 20 होगा। इसका मतलब हुआ की आपको एक वर्ष में 10 रुपये कमाने के लिए 20 गुना पैसे देने होंगे। अतः आपको एक शेयर के लिए 200 रुपये देने होंगे।
3. RoE और RoCE को समझना बहुत जरूरी
दोनों रेश्यो किसी भी कंपनी के शेयर का चुनाव करते समय सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। यह रेश्यो आपको बताते हैं की लगाई हुई इक्विटी या कैपिटल पर कितना रिटर्न प्राप्त हो रहा हैं। आरओई रेश्यो आपको बताता हैं की कंपनी अपने इक्विटी पर कितना पैसा या रिटर्न बना रही है। आसान भाषा में समझे तो कंपनी के लगाए पैसे पर कितना पैसा बन रहा हैं।
4. तुक्का न लगाएं, ट्रेडिंग कोई जुआ नहीं
पहली बार बाजार में पैसा लगाने वाले या नए निवेशक शेयर को तुक्का का खेल समझते हैं, जबकि ठीक उलट शेयर में निवेश एक रणनीति की मांग करता है। आप किस कंपनी का शेयर खरीद रहे हैं, उसकी मार्केट में स्थिति कैसी है, पिछले कुछ समय से उसकी शेयर बाजार में क्या स्थिति रही है आदि की जानकारियां एक निवेशक को होनी चाहिए। सिर्फ कम कीमत देखकर जुए के खेल की तरह शेयर खरीदना और उससे लाभ की उम्मीद लगाना आपको भारी नुकसान करा सकता है।
5. कंपनी के ऊपर कर्ज का आकलन
शेयर मार्केट में शेयर चुनते समय कंपनी के ऊपर कितना कर्ज यह जरूर देखना चाहिए। अगर किसी कंपनी के ऊपर ज्यादा कर्ज हैं तो उसे बहुत ज्यादा ब्याज होगा। इसलिए आप जिस शेयर में इन्वेस्टमेंट कर रहे हो उस कंपनी के ऊपर कम से कम कर्ज होना चाहिए। एक कर्ज मुक्त कंपनी को आप ज्यादा तवज्जो देना चाहिए। एक निवेशक के तौर पर आप कंपनी का Debt-Equity Ratio देख सकते हैं। Debt-Equity Ratio अगर 1 से कम हो तो अच्छा माना जाता है। यह रेश्यो अगर जीरो हो तो यह एक आदर्श रेश्यो माना जाता हैं।
6. कंपनी द्वारा लाभांश भुगतान का रिकॉर्ड
जिन कंपनियों की वित्तीय हालत अच्छी होती है और लाभ कमाती हैं। वह अपने शेयर होल्डर्स को लाभांश का भुगतान करती है। शेयर की प्राइस में इजाफे के साथ-साथ नियमित आय के रूप में डिविडेंड को भी महत्व देना चाहिए। किसी शेयर का चुनाव करते समय उस कंपनी के पिछले 5 सालों के डिविडेंड भुगतान का रिकॉर्ड देखें।
7. मजबूत मैनजमेंट का चयन
किसी भी कंपनी का मैनेजमेंट उस कंपनी की आत्मा माना जाता है। एक अच्छा मैनेजमेंट कंपनी के भविष्य को अधिक उज्जवल बना सकता है जबकि अक्षम मैनेजमेंट अच्छी कंपनी को भी नीचे की ओर ला सकता है। इसलिए आप Share Select करते समय कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में सही जानकारी जरूर हासिल करें।
8. शेयर बाइबैक का रिकॉर्ड चेक करें
शेयर चुनने से पहले Share Buyback के बारे में जानकारी लें। अगर प्रमोटर स्वयं की कंपनी के शेयर पब्लिक से वापस खरीद रहे हैं तो इसका मतलब है कि उन्हें कंपनी के बिजनेस मॉडल में विश्वास है और भविष्य में कंपनी के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद हैं। इसके साथ ही कंपनी की शेयर होल्डिंग पैटर्न चेक करें। किसी कंपनी का शेयर होल्डिंग पेटर्न यह दिखाता है कि कंपनी के शेयर किन-किन व्यक्तियों के पास हैं? इसमें आपको देखना है कि शेयर का कितना हिस्सा प्रमोटर्स के पास हैं। प्रमोटर्स के पास जितना अधिक शेयर का हिस्सा होगा, उतना ही अच्छा माना जाता है।
9. कंपनी और सेक्टर जरूर देंखे
किसी भी शेयर में पैसा लगाने से पहले वह किस सेक्टर की कंपनी के शेयर है और उसका कारोबार क्या है यह पता करें। इसके बाद उस कंपनी की बैलेंस सीट, टर्नओवर, बिजनेस मॉडल और कंपनी का भविष्य क्या है आदि की जानकारी जुटाएं। इससे आपको एक आइडिया मिल जाएगा कि कौन सी कंपनी सही है या किसकी वित्तीय स्थिति कमजोर है। किसी भी सेक्टर की लीडर कंपनी पर प्रमुखता से ध्यान देना चाहिए।
10. लंबी अवधि के लक्ष्य लेकर शेयर चुनें
किसी भी शेयर में छोटी अवधि में रिटर्न की उम्मीद नहीं करें। हमेशा लंबी अवधि का लक्ष्य बनाकर निवेश करें। ऐसी कंपनी के शेयर चुनें जिसमें रिटर्न ज्यादा मिले, लेकिन रिस्क कम हो। ऐसे निवेश से बचें जिसमें या तो बहुत बढ़िया रिटर्न मिलेगा या फिर भयंकर नुकसान की संभावना है।
11. ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले शेयर चुनें
हमेशा वैसे शेयर का चुनाव करें जिसमें ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यम हो। विश्लेषक अक्सर ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले शेयरों की समीक्षा करते हैं। कम ट्रेड किए जाने वाले शेयरों में नकली तेजी लाई जा सकती है। बड़े शेयरों में इसकी गुंजाइश बहुत नहीं होती है।