भारतीय शेयर बाजार में नए साल की शुरुआत से वोलैटिलिटी यानी अस्थिरता का दौर है। सेंसेक्स, निफ्टी समेत तामाम इंडेक्स में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। स्मॉल और मिड कैप स्टॉक्स की जबरदस्त पिटाई हुई है। शेयरबाजार में आलम यह है कि किसी दिन बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिलती है। अगले ही दिन बड़ी गिरावट आ जाती है। ऐसे में अगर आप स्टॉक मार्केट में पैसा लगाते हैं तो क्या करना चाहिए? आइए जानते हैं।
उतार-चढ़ाव वाले मार्केट में रणनीति क्या होनी चाहिए?
मार्केट एक्सपर्ट लंबी अवधि के लिए भारतीय शेयर मार्केट को लेकर पॉजिटिव बने हुए है। वे गिरावट में अच्छी कंपनियों को पोर्टफोलियो में शामिल करने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि, शॉर्ट टर्म वे बाजार में मुनाफावसूली करने की सलाह दे रहे हैं।
- निवेशक अपने पोर्टफोलियो से उन शेयरों को निकाल दें (पूरी तरह से या आंशिक रूप से) जिन्हें उन्होंने किसी के कहने पर खरीदा है।
- कमजोर फंडामेंटल वाले शेयरों से अभी पैसा निकाल लें। न्यू एज की कंपनियों के शेयर जो मुनाफा नहीं कमा रहे हैं, उनसे छुटकारा पाएं।
- जिन स्टॉक्स में मुनाफा हो रहा है, उसमें से कुछ शेयर या पूरा बेचकर पैसा निकाल लें। नीचे मिलने पर फिर खरीदारी करें।
- अच्छी कंपनी के स्टॉक्स में सिप की रणनीति अपनाएं। अगर आप सिस्टमेटिक प्लान के तहत निवेश करेंगे तो चढ़ते-गिरते बाजार की चिंता नहीं रहेगी।
- अपने निवेश को अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों में करें, जिससे अगर एक शेयर में भारी गिरावट आ भी रही हो तो दूसरे का फायदा आपको मिल सके।
- सोशल मीडिया के किसी प्लेटफॉर्म से सलाह के आधार पर निवेश नहीं करें। इस तरह की सलाह को मानकर आप मुश्किल में फंस सकते हैं।
- अपने पोर्टफोलियो से जुड़े फैसले लेते समय अटकलें न लागाएं। निवेश के दौरान धैर्य बनाए रखना भी बेहद जरूरी है।
- अपने गोल्स और रिस्क लेने की क्षमता को समझें। फिर इसको देखते हुए कंपनी का चयन करें।