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यूक्रेन संकट गहराने से शेयर बाजार में भूचाल, निवेशकों के 9.1 लाख करोड़ डूबे

तीस शेयरों के सूचकांक सेंसेक्स में शामिल सभी शेयर नकारात्मक स्तर पर कारोबार कर रहे थे। इन सभी कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: February 22, 2022 13:28 IST
sensex- India TV Paisa
Photo:FILE

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Highlights

  • 56,971 अंक पर कारोबार कर रहा है सेंसेक्स गिरावट के बाद
  • सेंसेक्स में शामिल सभी शेयर लाल निशान में कर रहें कारोबार
  • रूस के साथ यूक्रेन का तनाव बढ़ने से दुनियाभर के बाजारों में गिरावट

नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच सैन्य तनाव बढ़ने से वैश्विक बाजारों में दिखी घबराहट का असर घरेलू शेयर बाजारों पर भी पड़ा और दोनों प्रमुख सूचकांक मंगलवार को भारी गिरावट के साथ खुले। बीएसई का मानक सूचकांक शुरुआती सत्र में 1244 अंकों की भारी गिरावट के साथ 56,438 अंक पर खुला। सोमवार को सेंसेक्स 57,683 अंक पर बंद हुआ था। हालांकि, 11 बजे तक सेंसेक्स में थोड़ी रिकवरी देखने को मिली है। गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन में युद्ध की आंशका गहराने से बाजार में लागतार पांच दिनों से गिरावट जारी है। इससे भारत समेत दुनियाभर के निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। सिर्फ भारत में निवेशकों को बीते पांच दिन में 9.1 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं। दरअसल, बीते पांच दिनों की अवधि में बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण 9.1 लाख करोड़ रुपये घट गया है। 16 फरवरी आखिरी दिन था जब भारतीय बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे। उसके बाद लगातार गिरावट देखी जा रही है। इससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।  

सेंसेक्स के सभी शेयर लाल निशान में 

तीस शेयरों के सूचकांक सेंसेक्स में शामिल सभी शेयर नकारात्मक स्तर पर कारोबार कर रहे थे। इन सभी कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, रूस के साथ यूक्रेन का तनाव बढ़ने से पूर्वी यूरोप में संकट गहराने की आशंका पैदा हो गई है। इसका असर वैश्विक बाजारों पर नजर आया। कच्चे तेल एवं सोने के भावों में इसका असर पहले से ही नजर आने लगा है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के 97 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार करना भारत के लिहाज से काफी चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि तेल आयात बिल बढ़ने से पैदा होने वाले दबाव में रिजर्व बैंक अपने मौद्रिक रुख में बदलाव के लिए बाध्य हो सकता है। इसके अलावा घरेलू बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों के बिकवाल बने रहने से भी कारोबारी धारणा प्रभावित हो रही है।

विदेशी निवेशक लगातार निकाल रहे हैं पैसा

शेयर बाजार से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को विदेशी निवेशकों ने 2,261.90 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। एशिया के अन्य बाजारों ने अमेरिका के वॉल स्ट्रीट के सोमवार के रुख का ही अनुसरण किया। इसी तरह यूरोपीय बाजारों में भी यूक्रेन संकट के चलते भारी बिकवाली देखी गई। 

रुपये ने लगाया गोता 

पूर्वी यूरोप में तनाव बढ़ने से पैदा हुई चिंता के बीच मंगलवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले शुरुआती कारोबार में 24 पैसे गिरकर 74.79 रुपया प्रति डॉलर के भाव पर आ गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी फंडों की निकासी जारी रहने, घरेलू इक्विटी बाजारों में नरमी रहने और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया है। अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 74.71 रुपया प्रति डॉलर के स्तर पर खुला और फिर 74.79 रुपया प्रति डॉलर तक लुढ़क गया।

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