Highlights
- निफ्टी अहम स्तर को तोड़ते हुए 15300 पर बंद हुआ है
- बीते 10 सत्रों में से 9 में भारतीय बाजारों ने गिरावट दर्ज की है
- बाजार में गिरावट खरीदारी का एक अच्छा अवसर होता है
'अमेरिका की एक छींक दुनिया को बीमार कर देती है', आर्थिक जगत की यह चर्चित कहावत एक बार फिर सही साबित हो रही है। अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि के बाद दुनिया के विभिन्न बाजारों में गिरावट का माहौल है। भारतीय बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। बीते 10 सत्रों में से 9 में भारतीय बाजारों ने गिरावट दर्ज की है।
फेड की आंधी से सभी सेक्टर धराशाई
गुरुवार को भी निफ्टी अहम स्तर को तोड़ते हुए 15300 पर बंद हुआ है। आईटी, एनर्जी, आटो इंडेक्स 2 प्रतिशत टूटे हैं, वहीं मैटल और रियल्टी में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है। आई सेक्टर के शेयर बीते 6 महीने में 41 फीसदी की गिरावट दर्ज चुके हैं। बैंक निफ्टी रिकॉर्ड उंचाई से 20 प्रतिशत तक टूट चुका है, वहीं निफ्टी के 9 शेयर 52 हफ्तों के सबसे निचले पायदान पर हैं।
बाजार में और गहराएगी गिरावट
मिलसन स्ट्रैटेजीज़ के एमडी राजीव रंजन गुप्ता बताते हैं निफ्टी 15700 का अपना अहम सपोर्ट तोड़ चुका है। गुरुवार को निफ्टी 15300 तक गिर चुका है। अभी 15240 पर रजिस्टेंट बनता दिखाई दे रहा है। लेकिन यदि शुक्रवार को यह स्तर भी टूट जाता है, तो आगे की संभावनाएं और भी जटिल हो जाएंगी। गुप्ता बताते हैं कि यदि ये सपोर्ट भी टूटता है तो अगले कुछ हफ्तों में बाजार 14400 तक भी गिर सकता है। ऐसे में छोटे निवेशकों से बड़ी खरीद करने से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
आईटी कंपनियों में सेलेक्टिव बाइंग की सलाह
बीते एक साल से आईटी कंपनियां लगातार धराशाई हो रही हैं। डॉलर की मजबूती के बावजूद अमेरिकी मंदी की आशंका से आईटी कंपनियों में बेहतर रुझान नहीं दिख रहे हैं। आईटी सेक्टर की टॉप कंपनियों में शुमार विप्रो, टीसीएस, इंफोसिस और टेक महिंद्रा के शेयर इन दिनों अपने उच्च भाव से काफी नीचे हैं। पिछले एक साल में विप्रो 21.11 फीसद टूटा है। वहीं, टीसीएस, इंफोसिस और टेक महिंद्रा अपने 52 हफ्ते के हाई से काफी नीचे हैं। बाजार के जानकार इनमें सेलेक्टिव बाइंग यानि कि चुनिंदा स्टॉक में थोड़ी थोड़ी खरीद की सलाह दे रहे हैं।
अभी डरें या लगाए बाजार में पैसा
मार्किंगसन सिक्योरिटीज के आशीष जालान बताते हैं कि बाजार में गिरावट खरीदारी का एक अच्छा अवसर होता है। बाजार में कोई संकट स्थाई नहीं है। यदि आने वाले समय में यूक्रेन युद्ध समाप्त हो जाता है, और चीन के बंदरगाहों पर रुकावट खत्म हो जाती है। तो बाजार में एक बार फिर पॉजिटिव सेंटिमेंट आएंगे। ऐसे में यदि आपका नजरिया लंबे वक्त का है, तो अच्छे फंडामेंटल वाले शेयरों में खरीद की जा सकती है। इसके साथ ही शेयर की एसआईपी भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।