साल 2024 आम चुनावों (General Eection) वाला साल है। जाहिर सी बात है चुनावी परिणाम शेयर बाजार को प्रभावित करेगा। शेयरों में बड़ा उतार-चढ़ाव आने की भी उम्मीद है। इससे बहुत से निवेशकों को चिंता है कि उनके निवेश के साथ क्या होगा। डीआरएस फिनवेस्ट के फाउंडर डॉ रवि सिंह के अनुसार आम चुनाव से 2-3 महीने पहले बाजार में अस्थिरता रहना आम बात है। साल 2024 में अमेरिका में भी राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। भारत में आम चुनाव मई में हैं और अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नवंबर में हैं। कई निवेशक हाल में हुए राज्यों के चुनावों से संकेत ले रहे हैं। डॉ रवि के अनुसार राज्यों के चुनाव परिणामों को देखते हुए बाजार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि, चुनाव और बाजार दोनों ही सरप्राइज देने के लिए जाने जाते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि चुनावी वर्षों के दौरान भारतीय शेयर बाजार का ट्रेंड कैसा रहा है।
चुनावी वर्षों में बाजार का ट्रेंड
साल 1984 के आम चुनावों में कांग्रेस की सरकार बनी थी। उस समय चुनाव परिणाम आने के पहले 6 महीने में सेंसेक्स 12.50 फीसदी भागा था। साल 1989 के चुनावों में जनता दल की सरकार बनी थी। उस समय छह महीने में सेंसेक्स सिर्फ 0.10 फीसदी बढ़ा था। इसके बाद 1991 में कांग्रेस की सरकार बनने से पहले सेंसेक्स 2.60 फीसदी भागा था और 1996 में यूनाइटेड फ्रंट की सरकार बनने से पहले 25.10 फीसदी भागा था। इसके बाद साल 1998 में बीजेपी की सरकार से पहले सेंसेक्स 9.30 फीसदी गिर गया था। 1999 में फिर बीजेपी की सरकार बनी, उससे पहले के 6 महीने में सेंसेक्स 31.60 फीसदी भागा।
2009 में 59.80% भागा सेंसेक्स
सैमको सिक्योरिटीज के आंकड़ों के अनुसार, 2004 में देश में कांग्रेस की सरकार आई, इससे पहले के 6 महीने में सेंसेक्स 9.10 फीसदी भागा। फिर से 2009 में कांग्रेस की सरकार आई तो उससे पहले के 6 महीने में सेंसेक्स 59.80 फीसदी भागा। इसके बाद साल 2014 में बीजेपी की सरकार आने के पहले के 6 महीने में सेंसेक्स ने 15.70 फीसदी रिटर्न दिया। जब साल 2019 में फिर से बीजेपी की सरकार आई, तो उससे पहले के 6 महीने में सेंसेक्स ने 9.80 फीसदी रिटर्न दिया था।
स्थिर सरकार की उम्मीद से आती है तेजी
डॉ रवि के अनुसार, बाजार को स्थिर सरकार पसंद है। जब पुरानी सरकार रिपीट होती है, तो पॉलिसी में बदलाव की संभावनाएं काफी कम होती हैं। यह बात बाजार को सपोर्ट करती है। यही कारण है कि काफी अधिक वैल्यूएशन होने के बावजूद इस समय भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल रही है।