Highlights
- विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार से निकाल रहे हैं पैसा
- छोटे निवेशकों का रुझान कोरोना महामारी के बाद बाजार में बढ़ा
- छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज में कमी आने से बाजार में निवेश बढ़ा
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार की दशा-दिशा कुछ साल पहले तक विदेशी निवेशक तय करते थे। लेकिन, अब यह स्थिति हद तक बदल गई है। अप्रैल, 2021 के बाद से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में अपने शेयर धड़ाधड़ बेच रहे हैं लेकिन बाजार अभी भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। इसकी वजह यह है कि भारतीय शेयर बाजार में घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। यानी अब भारतीय शेयर बाजार की बागडोर घरेलू निवेशकों के हाथ में आ गई है। आइए, समझते हैं कि किस तरह घरेलू निवेशकों के दम पर अब भारतीय बाजार कारोबार कर रहा है।
बीते 11 में से 10 महीने में FII ने बेचे और घरेलू निवेशकों (DII) ने की खरीदारी
FII द्वारा खरीदारी/बिकवाली | घरेलू निवेशकों (DII) द्वारा खरीदारी/बिकवाली | ||||||
माह | कुल खरीद | कुल बिक्री | कुल खरीदारी/बिकवाली | कुल खरीद | कुल बिक्री | कुल खरीदारी/बिकवाली | |
7 फरवरी तक | 29,436.87 | 34,664.89 | -5,228.02 | 32,550.36 | 31,651.79 | 898.57 | |
जनवरी, 2022 | 141,177.65 | 182,524.00 |
|
141,934.87 | 120,006.47 | 21,928.40 | |
दिसंबर, 2021 | 146,073.90 | 181,567.49 | -35,493.59 |
136,077.68
|
104,846.63 | 31,231.05 | |
नवंबर | 204,204.04 | 244,105.96 | -39,901.92 | 136,049.58 |
105,489.31
|
30,560.27 | |
अक्टूबर | 185,566.83 | 211,139.02 | -25,572.19 | 151,607.74 | 147,136.75 | 4,470.99 | |
सितंबर | 217,636.41 | 216,722.64 | 913.77 | 144,147.33 | 138,198.48 | 5,948.85 | |
अगस्त | 175,168.36 | 177,736.88 | -2,568.52 | 131,185.18 | 124,290.49 | 6,894.69 | |
जुलाई | 125,896.68 | 149,090.07 | -23,193.39 | 117,910.10 | 99,516.18 | 18,393.92 | |
जून | 170,188.95 | 170,214.84 | -25.89 | 114,289.67 | 107,246.16 | 7,043.51 | |
मई
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166,976.74 | 172,992.08 | -6,015.34 | 105,544.29 | 103,477.06 | 2,067.23 | |
अप्रैल | 133,795.77 | 145,835.20 | -12,039.43 | 97,884.58 | 86,524.70 | 11,359.88 |
खरीदारी/बिक्री के आंकड़े करोड़ रुपये में
छोटे निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी
प्राइम डाटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की दिसंबर तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में छोटे निवेशकों की हिस्सेदारी एनएसई में सूचीबद्ध 871 कंपनियों में बढ़कर 7.32 फीसदी पर पहुंच गई, जबकि उनका कुल निवेश बढ़कर 18.98 लाख करोड़ के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। वहीं, विदेशी निवेशक इस दौरान बिकवाल बने रहे। कोरोना के बाद से डीमैट खाातों की संख्या में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। डीमैट खातों की संख्या करीब 8 करोड़ पहुंच गई है।