भारतीय शेयर बाजार के लिए बीता कारोबारी हफ्ता काफी शानदार रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के मुख्य सूचकांक निफ्टी ने 24,861 का नया ऑल-टाइम हाई बनाया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का मुख्य सूचकांक सेंसेक्स भी अपने ऑल-टाइम हाई के करीब बंद हुआ। बीते हफ्ते निफ्टी ने 1.24 प्रतिशत और सेंसेक्स ने 0.90 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। यह लगातार आठवां कारोबारी हफ्ता था, जब बाजार सकारात्मक बंद हुआ। ऐसे में अगर आप शेयर बाजार निवेशक हैं तो सोमवार से बाजार की चाल को लेकर चिंतित होंगे कि क्या बाजार में जारी रहेगी तेजी या फिर लगेगा ब्रेक? आइए जानते हैं।
ये फैक्टर डालेंगे बाजार पर असर
अमेरिकी केंद्रीय बैंक के ब्याज दर पर निर्णय, कंपनियों के तिमाही नतीजे, वृहद आर्थिक आंकड़े और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की कारोबारी गतिविधियां इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगी। इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह सभी का ध्यान वैश्विक संकेतकों विशेषरूप से अमेरिकी बाजारों पर रहेगा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व 31 जुलाई को ब्याज दर पर अपने निर्णय की घोषणा करेगा, जो बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। बाजार इस साल ब्याज दर में संभावित कटौती की उम्मीद कर रहा है। इसके अलावा अमेरिका और चीन के अन्य व्यापक आर्थिक आंकड़ों पर भी सभी की नजर रहेगी। वैश्विक स्तर पर, अमेरिकी फेड की मीटिंग गुरुवार को होगी। इसमें ब्याज दरों को 5.25 प्रतिशत से लेकर 5.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा जा सकता है।
कंपनियों के तिमाही के नतीजे महत्वपूर्ण रहेंगे
घरेलू मोर्चे पर कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजे महत्वपूर्ण रहेंगे। सप्ताह के दौरान कई बड़ी कंपनियां जून तिमाही के नतीजों की घोषणा करेंगी।’’ इस सप्ताह गेल, अदाणी पावर, बैंक ऑफ बड़ौदा, बीएचईएल, कोल इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति, टाटा स्टील, अदाणी एंटरप्राइजेज और टाटा मोटर्स तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी। मास्टर कैपिटल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, ‘‘बाजार का परिदृश्य प्रमुख घरेलू और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगा। सप्ताह के दौरान भारत के बुनियादी ढांचा उत्पादन, विनिर्माण पीएमआई के आंकड़े आएंगे। इनके अलावा चीन के विनिर्माण पीएमआई आंकड़े, बीओई (बैंक ऑफ इंग्लैंड) का ब्याज दर पर निर्णय, अमेरिकी गैर-कृषि रोजगार के आंकड़े और फेडरल रिजर्व की प्रेस कॉन्फ्रेंस बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगी।’’
25,000 फिलहाल एक बड़ा रेजिस्टेंस
नंदा के अनुसार, निफ्टी के लिए 25,000 फिलहाल एक बड़ा रुकावट का स्तर है। अगर निफ्टी इससे ऊपर ट्रेड करना शुरू कर देता है तो 25,400 का स्तर भी देखने को मिल सकता हैं वहीं, 24,500 एक मजबूत सपोर्ट है। ऐसे में हर गिरावट पर खरीदारी करनी चाहिए। वीटी मार्केट्स के मार्केट विश्लेषक एलेक्स वोल्कोव ने वैश्विक बाजारों को लेकर कहा कि अमेरिकी फेड चेयरमैन पॉवेल की ओर से हाल ही में ब्याज दरों में कटौती को लेकर नकारात्मक बयान दिया है, जिससे लगता है इस बार ब्याज दरों में कमी नहीं होगी। हालांकि, सितंबर में 25 आधार अंक की ब्याज दरों में कटौती संभावना बनी हुई है। हालांकि, टेक शेयरों पर दबाव होने के कारण वैश्विक बाजारों का प्रदर्शन पिछले हफ्ते मिलाजुला रहा था।
रोजगार के आंकड़ों पर नजर रखेंगे
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘ आगे चलकर घरेलू बाजार की दिशा कंपनियों के तिमाही नतीजों से प्रभावित होगी। इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंग्लैंड की नीतिगत बैठक, अमेरिका के रोजगार के आंकड़े और यूरो क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े बाजार को दिशा देंगे।’’ पिछला सप्ताह बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहा और बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 728.07 अंक या 0.90 प्रतिशत चढ़ गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 303.95 अंक या 1.23 प्रतिशत का लाभ रहा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘‘आने वाले सप्ताह में वैश्विक निवेशक अमेरिकी बाजार की बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के कमाई के आंकड़ों, फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक और रोजगार के आंकड़ों पर नजर रखेंगे। इनसे आगे अमेरिकी शेयर बाजारों की दिशा तय होगी।’’