Share Market में लगतार चार दिनों से जारी तेजी पर आज गुरुवार को ब्रेक लग गया है। भारतीय शेयर बाजार गिरकर खुले हैं। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 197.37 अंक गिरकर 60,062.76 अंक पर कारोबार कर रहा है। वहीं, निफ्टी में भी 33.65 अंक की गिरावट है। निफ्टी अभी 17,910.60 अंक पर ट्रेड कर रहा है। सेंसेक्स में शामिल आईटी शेयरों में आज गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं, Auto और बैंकिंग शेयरों में तेजी जारी है। फाइनेंशियल, रियल्टी, मेटल और एफएमसीजी इंडेक्स हरे निशान में हैं। मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक निफ्टी के लिए पहला रेजिस्टेंस 18000 पर और 18100-18300 पर बड़ा रेजिस्टेंस है। वहीं, निफ्टी के लिए पहला सपोर्ट 17,775 पर और उसके बाद 17400-17500 पर बड़ा सपोर्ट है।
वैश्विक बाजारों में भी गिरावट
आज के कारोबार में प्रमुख वैश्विक बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है। एसजीएक्स निफ्टी लाल निशान में कारोबार कर रहा है। वहीं, एशियाई बाजारों में बिकवाली देखने को मिल रही है। अमेरिकी बाजार भी बुधवार को गिरकर बंद हुए थे। अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की चिंता के चलते वैश्विक बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं, दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 100 डाॅलर प्रति बैरल के नीचे आने से निवेशक उत्साहित हैं।
निवेशकों की पूंजी 7.41 लाख करोड़ बढ़ी
शेयर बाजार में बीते चार दिनों की तेजल से निवेशकों की पूंजी 7.41 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़ी है। इसी के साथ लगभग चार महीने बाद सेंसेक्स 60,000 अंक के स्तर के पार कर गया। पिछले चार कारोबारी सत्रों में इसमें 1,442.84 अंक या 2.45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। तेजी के सिलसिले के बीच बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 7,41,534.44 करोड़ रुपये बढ़कर 2,79,85,821.38 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि इस महीने में मुद्रास्फीति के कम होने और विदेशी निवेशकों की भारी लिवाली से सेंसेक्स 60,000 अंक के मनोवैज्ञानिक आंकड़े के पार पहुंच गया है।
विदेशी निवेशक लगातार कर रहे हैं निवेश
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार में लगातार निवेश कर रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को 1,376.84 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। जुलाई के बाद लगातार विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में पैसा डाल रहे हैं। उससे पहले नौ महीने तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से पैसा निकाला था।