Stock Market: आज हफ्ते का आखिरी दिन है। शेयर बाजार (Share Market) खुलते सेंसेक्स 520.85 अंक चढ़कर 59,295.57 पर आ गया। निफ्टी 163.4 अंक की बढ़त के साथ 17,685.85 पर कारोबार कर रहा है। कारोबारियों के अनुसार, वायदा एवं विकल्प खंड में मासिक सौदों के निपटान के अंतिम दिन आईटी और बैंक शेयरों में बिकवाली से बाजार नुकसान में रहा।
कल आखिरी 30 मिनट में बिगड़ा खेल
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स कारोबार के दौरान लगभग पूरे समय लाभ में रहा। लेकिन अंतिम आधे घंटे में तेज बिकवाली से यह 310.71 अंक यानी 0.53 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,774.72 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 82.50 अंक यानी 0.47 प्रतिशत टूटकर 17,522.45 अंक पर बंद हुआ।
इन शेयरों में दिखी सबसे ज्यादा गिरावट
सेंसेक्स के शेयरों में बजाज फाइनेंस में सबसे अधिक 1.81 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। इसके अलावा पावरग्रिड, इन्फोसिस, टाटा कसंल्टेंसी सर्विसेज, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी और लार्सन एंड टुब्रो भी नुकसान में रहे। केवल पांच शेयर मारुति सुजुकी, भारतीय स्टेट बैंक, डॉ.रेड्डीज, कोटक महिंद्रा बैंक तथा टाइटन लाभ में रहे। इनमें 0.46 प्रतिशत तक की तेजी रही।
अमेरिकी फेड के कदम पर नजर
कोटक सिक्योरिटीज लि.के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘उतार-चढ़ाव के बीच अनिश्चित वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए वायदा एवं विकल्प खंड में सौदों के निपटान के अंतिम दिन निवेशकों ने बिकवाली की। निवेशकों में आशंका है कि शुक्रवार को जैक्सन होल संगोष्ठी में फेडरल रिजर्व (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) के चेयरमैन जेरोम पावेल के संबोधन में महंगाई को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर में वृद्धि पर जोर होगा।’’
कच्चे तेल पर भी असर
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘जैक्सन होल संगोष्ठी से पहले दुनियाभर के निवेशक यह संभावना जता रहे हैं कि फेडरल रिजर्व के चेयरमैन अपने संबोधन में मौद्रिक नीति परिदृश्य का आकलन कर सकते हैं और यह संकेत दे सकते हैं कि केंद्रीय बैंक का रुख क्या होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कच्चे तेल के दाम चढ़े हैं। इसका कारण सऊदी अरब का बयान है जिसमें कहा गया है कि ओपेक (तेल निर्यातक देशों के संगठन) और सहयोगी देश बाजार में अस्थिरता दूर करने के लिये आपूर्ति घटा सकते हैं। हालांकि, उभरते बाजारों की तुलना में घरेलू शेयर बाजारों का प्रदर्शन बेहतर है। एफआईआई की लिवाली से घरेलू बाजार को दिशा मिल रही है।’’