Highlights
- बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 503 अंक का गोता लगाकर बंद हुआ।
- रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी तथा बजाज फाइनेंस में गिरावट
- निफ्टी 143.05 अंक यानी 0.82 प्रतिशत टूटकर 17,368.25 अंक पर बंद
मुंबई। दुनिया भर में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों से आज एक बार फिा भारतीय शेयर बाजार फिक्रमंद दिखाई दिए। बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 503 अंक का गोता लगाकर बंद हुआ। वैश्विक बाजारों में मिले-जुले रुख के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी तथा बजाज फाइनेंस में गिरावट के साथ बाजार नुकसान में रहा।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 503.25 अंक यानी 0.86 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,283.42 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 143.05 अंक यानी 0.82 प्रतिशत टूटकर 17,368.25 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में करीब तीन प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में बजाज फाइनेंस रही। इसके अलावा बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, नेस्ले इंडिया और भारतीय स्टेट बैंक में भी गिरावट रही। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा, पावर ग्रिड और मारुति शामिल हैं।
क्या हैं बाजार टूटने का कारण
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि ब्रिटेन में ओमीक्रोन मामलों में तेजी से बढ़ोतरी वैश्विक बाजारों के लिये चिंता की वजह है। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व, यूरोपीय केंद्रीय बैंक, बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान की बैठकें होने वाली हैं। इनसे प्रमुख नीतिगत दरों, बांड प्रतिफल और बाजार की दिशा के बारे में संकेत मिलेंगे।
FII की जबर्दस्त बिकवाली
विजयकुमार के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली जारी है। नवंबर में उन्होंने 33,799 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे जबकि दिसंबर में अबतक (10 दिसंबर) तक 17,644 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की। इसका असर घरेलू बाजार खासकर बैंक शेयरों पर पड़ रहा है।
एशियाई बाजार का क्या है हाल
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट और जापान का निक्की नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में तेजी का रुख रहा। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.11 प्रतिशत की बढ़त के साथ 75.23 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।