मुंबई। अमेरिका में महंगाई दर (Inflation rate in US) 4 दशक के उच्चतम आंकड़े से दुनिया भर के बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है। इसका असर भारतीय बाजार (Share market updates) पर देखा जा रहा है। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच और आईटी तथा वित्तीय शेयरों में गिरावट की वजह से शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स में 600 अंक से अधिक की गिरावट आयी।
शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों वाला सूचकांक 611.54 अंक या 1.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,314.49 पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 168.95 अंक या 0.96 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,436.90 पर कारोबार कर रहा था। सेंसेक्स में सबसे अधिक दो प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट इंफोसिस में हुई। इसके अलावा विप्रो, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, एचडीएफसी, बजाज फाइनेंस, एम ऐंड एम और बजाज फिनसर्व के शेयरों में भी गिरावट आई।
दूसरी ओर एनटीपीसी और नेस्ले इंडिया के शेयर लाभ में रहे। पिछले कारोबारी सत्र में बीएसई सेंसेक्स 460.06 अंक यानी 0.79 प्रतिशत चढ़कर 58,926.03 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई का निफ्टी भी 142.05 अंक यानी 0.81 प्रतिशत बढ़कर 17,605.85 अंक पर पहुंच गया। अन्य एशियाई बाजारों में तोक्यो और शंघाई मध्य सत्र के सौदों में लाभ के साथ कारोबार कर रहे थे जबकि हांगकांग और सियोल नुकसान में थे। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.16 प्रतिशत गिरकर 91.26 डॉलर प्रति बैरल हो गया। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को सकल आधार पर 1,732.58 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
क्या हुआ अमेरिका में
अमेरिका में रिटेल इंफ्लेशन रेट 7.5 फीसदी पर पहुंच गया जो फरवरी 1982 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। सप्लाई-चेन प्रॉब्लम, ऐतिहासिक लो इंट्रेस्ट रेट और खर्च में तेजी के कारण पिछले एक साल से महंगाई में लगातार उछाल आ रहा है। दूसरी तरफ बॉन्ड यील्ड में भी तेजी देखी जा रही है। गुरुवार को 10 साल के बॉन्ड पर यील्ड बढ़कर 2 फीसदी के पार हो गई। यह अगस्त 2019 के बाद का सर्वोच्च स्तर है।