इस महीने भारतीय शेयर बाजार में काफी उथल-पुथल देखने को मिली है। विदेशी निवेशक इंडियन शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हैं तो कुछ पैसा निकाल भी रहे हैं। इसी बीच जारी हुई एक रिपोर्ट ने सभी को चौंका दिया है। शेयर बाजारों में मिलने वाले आकर्षक रिर्टन के चलते डीमैट खातों की संख्या पिछले वर्ष अक्टूबर की तुलना में अक्टूबर 2022 में 41 प्रतिशत बढ़कर 10.4 करोड़ हो गई है।
इस रिपोर्ट ने सामने लाई जानकारी
हालांकि बीते कुछ महीनों से ऐसे खातों में क्रमिक वृद्धि में कमी देखी जा रही है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के एक विश्लेषण में पता चला कि अगस्त महीने से ही डीमैट खातों में वृद्धि लगातार घट रही है। अगस्त में 26 लाख नए खाते जोड़े गए थे जो सितंबर में 20 लाख और अक्टूबर 2022 में महज 18 लाख रह गए।
अक्टूबर 2021 में डीमैट खातों में क्रमिक वृद्धि 36 लाख थी। आनंद राठी शेयर्स एवं स्टॉक ब्रोकर्स में मुख्य कार्यपालक अधिकारी (निवेश सेवाएं) रूप भूतरा ने कहा कि नए डीमैट खातों में कमी आने का प्रमुख कारण इस कैलेंडर वर्ष में वैश्विक कारकों से बाजार में आई अस्थिरता तथा व्यापक बाजारों में तुलनात्मक रूप से कमजोर प्रदर्शन रहा है।
रूस-यूक्रेन यूद्ध ने बाजार में बढ़ाई अस्थिरता
उन्होंने कहा कि इसके अलावा 2021 की तुलना में इस वर्ष बाजार में आए नए आईपीओ की संख्या भी कम रही है और बीते कुछ महीनों में जुड़ने वाले नए डीमैट खाते की संख्या कम रहने की एक वजह यह भी है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में वरिष्ठ समूह उपाध्यक्ष (शोध-बैंकिंग तथा बीमा, संस्थागत इक्विटी) नितिन अग्रवाल ने कहा कि रूस और यूक्रेन संघर्ष की वजह से बाजार में अस्थिरता बढ़ गई है। इसलिए जनवरी से नए जुड़ने वाले खातों की संख्या कम हुई है।
41 प्रतिशत की वृद्धि
अक्टूबर में नए खातों की संख्या में वृद्धि कम रहने का एक कारण यह भी है कि इस दौरान त्योहार होने से केवल 18 कामकाजी दिवस ही मिले, जबकि सितंबर में कामकाजी दिवसों की संख्या 22 ही थी। हालांकि, अक्टूबर 2022 में डीमैट खातों की संख्या बढ़कर 10.4 करोड़ हो गई थी, जो पिछले वर्ष 7.4 करोड़ थी। यह 41 प्रतिशत की वृद्धि दिखाता है।