Stock Market Updates: शेयर बाजार में तेजी का रुख जारी है। इस बीच शुक्रवार को बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 296.48 लाख करोड़ रुपये के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। बीएसई का तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स लगातार तीसरे कारोबारी दिन बढ़त के साथ बंद हुआ। यह 803.14 अंक यानि 1.26 प्रतिशत उछलकर अब तक के उच्चतम स्तर 64,718.56 अंक पर बंद हुआ। इस तरह तेजी के तीन कारोबारी दिनों में बीएसई का सूचकांक कुल 1,748.56 अंकों यानि 2.77 प्रतिशत तक चढ़ चुका है। तेजी के बीच बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण पहली बार 296 लाख करोड़ (2,96,48,153.59) रुपये पर पहुंच गया। तीन कारोबारी दिनों में ही निवेशकों की संपत्ति में 5,80,740.05 करोड़ रुपये की वृद्धि हो चुकी है। इससे पहले 21 जून को बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 294.36 लाख करोड़ रुपये के उच्च स्तर पर रहा था। आइए समझते हैं कि मार्केट में अगले महीने कैसी चाल देखने को मिल सकती है।
आंकड़ों से समझिए
- सेंसेक्स 30 जून 2023 को पहली बार 64000 अंक को पार किया। हाल के 1 हजार अंक का सफर तय करने में सेंसेक्स को 144 सत्रों यानि 7.1 महीने लग गए।
- लेटेस्ट 5000 अंक उछाल दर्ज करने में 443 सत्रों या 21.7 महीनों का समय लगा। पिछले 20 वर्षों में मूल्य रिटर्न सूचकांक द्वारा मापा गया सेंसेक्स सीएजीआर 15.5% था और कुल रिटर्न सूचकांक 17.2% था।
- जून-2003 में निवेश किए गए 100000 रुपये का मूल्य टीआरआई के संदर्भ में 30-जून-23 तक लगभग 24 लाख रुपये (और पीआरआई के अनुसार लगभग 18 लाख रुपये) होगा।
- अप्रैल 2017 में सूचकांक को 30,000 अंक छूने में 31.3 साल लग गए। अगले 30000 अंक अगले 4.4 वर्षों में पूरे हो गए। यानि आने वाले समय में बाजार में तेजी दिखनी की उम्मीद है।
- बीएसई का कुल बाजार पूंजीकरण रुपये बढ़कर 296.5 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। लेटेस्ट के 1000 अंक रैली में 8 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया।
- चालू वित्त वर्ष में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का इक्विटी में निवेश 10 अरब डॉलर को पार कर गया है, जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है। यह बाजार में आगे और हाई बनाएगा।
- चीन में जारी आंकड़ों से पता चला कि जून में लगातार तीसरे महीने फैक्ट्री गतिविधि धीमी रही जो भारत के हित में है। इसके चलते निवेशक भारत के तरफ रुख कर रहे हैं।
- इक्विटी जैसी जोखिम वाली परिसंपत्तियों पर दांव लगाने की धारणा में काफी सुधार हुआ है, जो भारतीय बाजारों में निवेशकों के रुख से साफ पता चलती है।
- जुलाई महीने में निफ्टी के साल की बात करें तो पता चलता है कि हर साल औसतन 3.2% रिटर्न रहता है।
- पिछले 20 साल में निफ्टी ने जुलाई में 16 बार पॉजिटिव रिटर्न दिए हैं। 2014 से अब तक सिर्फ 1 बार जुलाई में निफ्टी निगेटिव में रहा है। इस बार तो जून से अच्छे संकेत दिख रहे हैं।