Highlights
- 2022 में शेयर बाजार में बड़े उतार—चढ़ाव की आशंका जता रहे हैं विशेषज्ञ
- 2019 में डीमैट खातों की संख्या 3.6 करोड़ थी, नवंबर, 2021 में 7.7 करोड़ पर पहुंची
- 75 प्रतिशत निवेशक 30 साल से कम उम्र के हैं भारतीय शेयर बाजर में अभी
नई दिल्ली। देश में सोमवार को ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़कर 1,79,723 के पार निकल गए। वहीं, दूसरी ओर भारतीय शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 650 अंक से अधिक उछलकर 60,395 के पार निकल गया। एनएसई निफ्टी भी लंबे समय के बाद 18,000 के अहम स्तर के पार कर गया। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बाजार की तेज चाल बहुत सारे निवेशकों को अचंभित भी कर रहा है। हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन संकट से शेयर बाजार पर ज्यादा असर नहीं होगा। बाजार अब कोरोना के असर को लेकर आश्वस्त हो गया है। हां, आने वाले समय में तीन बड़े घटनाक्रम हैं जो बाजार को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर सकते हैं।
1. कंपनियों के तिमाही परिणाम
जियोजित बीएनपी पारिबा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने इंडिया टीवी को बताया कि आने वाले दिनों में बाजार की दिशा तय करने में तीन अहम घनाक्रम अपनी भूमिका निभाएंगे। उनके अनुसार पहला अहम कारक होगा कंपनियों के तिमाही परिणाम। चौथी तिमाही परिणाम आने शुरू हो गए हैं। कंपनियों के प्रदर्शन के आधार पर बाजार की चाल प्रभावित होगी। जिस सेक्टर की कंपनियों का परिणाम बेहतर आएगा उसमें तेजी देखने को मिल सकती है।
2. आम बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश करेंगी। इस बजट में कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उठाए गए कदमों पर बाजार की नजर रहेगी। इसके साथ ही निवेश का माहौल बेहतर बनाने को लेकर जो घाषणाएं होंगी उसको भी बाजार देखेगा। हमेशा की तरह आम बजट का शेयर बाजार पर बहुत बड़ा असर होता है। इस बार का बजट कुछ ज्यदा ही खास होगा क्योंकि कोरोना के कारण कई सेक्टर संकट का सामना कर रहे हैं।
3. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव
देश के पांच राज्यों में 10 फरवरी से विधानसभा चुनाव शुरू होने वाले हैं। जिन राज्यों में चुनाव होंगे उनमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर शामिल हैं। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड का केंद्र की सरकार में अहम रोल होता है। ऐसे में इन राज्यों में आने वाले चुनाव परिणाम शेयर बाजार को बड़े स्तर पर प्रभावित कर सकते हैं। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह चुनाव भाजपा के लिए अग्नि परीक्षा साबित हो सकती है। अगर भाजपा उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में क्लीन स्वीप करती है, तो बाजार में जोरदार तेजी आ सकती है।
ऊंचे रिटर्न की चाहत में बढ़ा रुझान
मार्केट एक्सपर्ट हर्ष रूंगटा ने इंडिया टीवी को बताया कि छोटे निवेशकों का रुझान तेजी से शेयर बाजार की ओर बढ़ा है। इसकी वजह छोटी बचत योजनाओं, बैंक एफडी समेत डेट पर मिलने वाले रिटर्न में भारी कमी आना है। इसके चलते निवेशक शेयर बाजार का रुख कर रहे हैं। छोटे निवेशकों का बाजार के प्रति रुझान की वजह से ही बीते दो साल में डीमैट खातों की संख्या 2 करोड़ से बढ़कर करीब 7.7 करोड़ के पास पहुंच गई है। छोटे निवेशक भी भारतीय बाजार को ऊपर ले जाने में मदद पहुंचा रहा है।