भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को लगातार 5वें दिन गिरावट है। बीएसई सेंसेक्स 11.30 बजे तक 232 अंक टूटकर 65,776.61 अंक पर कारोबार कर रहा है। वहीं, एनएसई निफ्टी 65.50 अंक लुढ़कर 19,608.75 अंक पर पहुंच गया है। आपको बता दें कि पिछले 5 ट्रेडिंग शेसन में सेंसेक्स 1,800 अंक से अधिक गिर गया है, जिससे दलाल स्ट्रीट के निवेशकों को लगभग 6 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं। टेक्निकल मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि अगर निफ्टी 19,600 के लेवल को तोड़ता है तो यह 19,300 तक लुढ़क सकता है।
क्यों बाजार में गिरावट गहरा सकती है?
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ''वैश्विक चिंताओं को देखते हुए हम निकट भविष्य में बाजार पर दबाव की उम्मीद कर रहे हैं। इसलिए हम निवेशकों से रक्षात्मक उपाय के रूप में बड़ी कंपनियों में ज्यादा निवेश करना चाहिए। निवेशक आगे की दिशा के लिए अमेरिका और ब्रिटेन के जीडीपी के आंकड़ों, यूरोपीय संघ की मुद्रास्फीति, अमेरिका और चीन के विनिर्माण पीएमआई और भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट जैसे आर्थिक डेटा पर नजर रख रहे हैं जो अगले सप्ताह आने वाले हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार में लगातार रैली के बाद यह गिरावट आई है। इसकी वजह मुनाफावसूली और वैश्विक चिंता भी है। इसलिए छोटे निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है। बाजार में गिरावट बढ़ने पर मिड कैप और स्मॉल कैप पर ज्यादा असर देखने को मिल सकता है।
इन कंपनियों के स्टॉक्स में गिरावट
सेंसेक्स की कंपनियों में लार्सन एंड टुब्रो, एक्सिस बैंक, आईटीसी, इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान यूनिलीवर और इंडसइंड बैंक के शेयर नुकसान में रहे। वहीं बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, मारुति और एशियन पेंट्स के शेयर लाभ में थे। अन्य एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट तथा हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे जबकि जापान का निक्की लाभ में रहा। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.21 प्रतिशत की बढ़त के साथ 93.47 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 1,326.74 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।