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महंगाई और ओमीक्रोन की चिंता में शेयर बाजार, सेंसेक्स लगातार तीसरे दिन लुढ़का

कारोबारियों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपये की विनमय दर में गिरावट और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से गिरावट को बल मिला।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: December 14, 2021 19:44 IST
महंगाई और ओमीक्रोन की...- India TV Paisa
Photo:AP

महंगाई और ओमीक्रोन की चिंता में शेयर बाजार, सेंसेक्स लगातार तीसरे दिन लुढ़का

Highlights

  • मंगलवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट जारी रही
  • सेंसेक्स 166 अंक के नुकसान के साथ बंद हुआ
  • निफ्टी 43.35 अंक यानी 0.25 प्रतिशत टूटकर 17,324.90 अंक पर बंद हुआ

मुंबई। शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट जारी रही और सेंसेक्स 166 अंक के नुकसान के साथ बंद हुआ। मुद्रास्फीति बढ़ने और कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर बढ़ती चिंता के बीच निवेशक जोखिम लेने से बच रहे हैं। कारोबारियों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपये की विनमय दर में गिरावट और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से गिरावट को बल मिला। बीएसई का तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 166.33 अंक यानी 0.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,117.09 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 43.35 अंक यानी 0.25 प्रतिशत टूटकर 17,324.90 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में 2.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में आईटीसी रही। इसके अलावा बजाज फाइनेंस, कोटक बैंक, भारती एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज और बजाज फिनसर्व में भी गिरावट रही। दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक, नेस्ले इंडिया, डॉ.रेड्डीज, आईसीआईसीआई बैंक और इंडसइंड बैंक शामिल हैं। इनमें 3.84 प्रतिशत तक की तेजी रही। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति में वृद्धि और एशियाई बाजारों में कमजोर रुख के साथ अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति घोषणा से पहले घरेलू शेयर बाजार नुकसान में रहें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर सालाना आधार पर नवंबर में बढ़कर 4.91 प्रतिशत पर पहुंच गयी।

कच्चे माल की लागत में वृद्धि को देखते हुए उत्पादक कीमत बढ़ाने को मजबूर हुए हैं। इतना ही नहीं देश की थोक मुद्रास्फीति सालाना आधार पर 12 साल के उच्चस्तर 14.23 प्रतिशत पर पहुंच गयी। इसका मुख्य कारण खनिज तेल, मूल धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमतों में वृद्धि है।’’ रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बुधवार को जारी होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। कई देशों में कोविड-19 मामलों में तेजी से वृद्धि के बीच चीन में ओमीक्रोन का पहला मामला आने के साथ एशियाई बाजारों में गिरावट रही। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट, जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे।

हालांकि, यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में सकारात्मक रुख था। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.26 प्रतिशत टूटकर 74.20 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अमेरिकी डॉलर के मुकबले रुपये की विनिमय दर 10 पैसे टूटकर 75.88 पर बंद हुई। शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं और उन्होंने सोमवार को 2,743.44 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।  

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