Stock Market : भारतीय शेयर बाजार पर एक बार फिर से संकट के बादल गहराने लगे हैं? बाजार में बीते दो दिन के कारोबार को देखकर यही प्रतीत हो रहा है। घरेलू शेयर बाजार में पिछले दो कारोबारी सत्रों की गिरावट से निवेशकों के 6.57 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए हैं। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 872.28 अंक यानी 1.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,773.87 अंक पर बंद हुआ। पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स 1,524.13 अंक यानी 2.52 प्रतिशत नीचे आ गया है।
घटकर आधा हुआ कंपनियों का मार्केट कैप
इस गिरावट से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 6,57,758.04 करोड़ रुपये घटकर 2,73,95,002.87 करोड़ रुपये पर आ गया। कोटक सिक्योरिटीज लि.
के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘हाल की तेजी के बाद बाजार में गिरावट आना तय था। सितंबर बैठक में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख की आशंका एक नई चिंता है। इसके साथ डॉलर सूचकांक के मजबूत होने से निवेशकों में थोड़ी चिंता बढ़ी और बैंक, आईटी, धातु तथा रियल्टी शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गयी।’’
कहीं सच तो नहीं हो रही बोफा की भविष्यवाणी
कुछ ही दिन पूर्व अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बोफा सिक्योरिटीज ने भारतीय शेयर बाजारों में निवेशकों के लिए आने वाले समय में और अधिक परेशानी की भविष्यवाणी की थी। बोफा का अनुमान है कि दिसंबर तक बेंचमार्क सूचकांक में 10 प्रतिशत का और ‘करेक्शन’ आएगा। ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि 50 शेयरों वाला नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 31 दिसंबर, 2022 तक 15,600 अंक पर रहेगा। इससे पहले बोफा ने जून में निफ्टी के दिसंबर अंत तक 14,500 अंक पर रहने का अनुमान लगाया गया था। कंपनी ने अपने इस अनुमान में अब संशोधन किया है।
वैश्विक मंदी की चिंताओं को लेकर सतर्क
बाजारों ने हाल में विदेशी निवेशकों के प्रवाह के साथ निरंतर बिकवाली के बाद कुछ लिवाली देखी गई है। इससे पहले विदेशी निवेशकों ने घरेलू शेयर बाजारों से 29 अरब डॉलर से अधिक की निकासी की है। बोफा के विश्लेषकों ने एक नोट में कहा, ‘‘हम मौजूदा अस्थिर माहौल और वैश्विक मंदी की चिंताओं को लेकर सतर्क बने हुए हैं।’’ इसके अलावा ब्रोकरेज ने कच्चे तेल की उच्च कीमतों, रुपये में गिरावट और घरेलू मुद्रास्फीति में कमी जैसे कुछ सकारात्मक बातों की ओर भी इशारा किया है।